लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद एनडीए में सरकार गठन को लेकर हलचल बढ़ गई है। शुक्रवार को बीजेपी नीत एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक होने वाली है, जिसमें नरेन्द्र मोदी को नेता चुने जाने की संभावना है। इसके साथ ही मोदी का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा जिसके बाद शपथ ग्रहण समरोह रविवार को हो सकता है।
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सूत्रों ने कहा कि मोदी के एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और उन्हें समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे। इसके बाज मोदी सप्ताहांत में, संभवत: रविवार को शपथ ले सकते हैं। एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से अधिक है।
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इस बीच अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दिन भर बैठक की और सरकार गठन के प्रयासों को गति देने को लेकर विचार-विमर्श किया। यह बैठक बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के आवास पर हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इस बैठक में भावी मंत्रिपरिषद के गठन में एनडीए के घटक दलों की भागीदारी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। नड्डा के आवास पर हुई बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष और अमित शाह ने शाम को नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। समझा जाता है कि सरकार गठन के स्वरूप पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस मुलाकात के दौरान चर्चा की।
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सरकार गठन के प्रयासों के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई जब जेडीयू ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग उठा दी है। इस बीच, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गुरुवार को कहा कि मंत्री पद का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और हमारे नेता नीतीश कुमार जी के द्वारा तय किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को कितने मंत्री पद मिलने चाहिए, इस बारे में निर्णय हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) करेंगे, लेकिन यह ‘सम्मानजनक’ होना चाहिए।’’
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मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा से 1995 से विधायक और उनके करीबी माने जाने श्रवण कुमार ने हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, इस बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए।’’ जेडीयू के एक अन्य नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कम से कम तीन पद मिलने चाहिए।
इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन ठीक रहा है और उसने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की 16 सीटों के बाद जेडीयू अब बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। ऐसे में नई सरकार के अस्तित्व के लिए बीजेपी को इन दोनों दलों पर निर्भर रहना होगा।
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