6 फरवरी को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई टीडीपी सदस्य हाथों में प्लेकार्ड लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप इकट्ठे हो गए और नारे लगाने लगे। वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने भी टीडीपी सदस्यों का साथ देते हुए ऐसा ही किया। इन सदस्यों के प्रदर्शन की वजह से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी माहौल में कोई बदलाव नहीं आया और सदन की कार्यवाही इन प्रदर्शनों के बीच ही शुरू की गई।
इस दौरान टीडीपी सदस्य न्याय की मांग और गठबंधन धर्म निभाने के नारे लगाते रहे। टीडीपी सदस्यों ने हाथों मे जो प्लेकार्ड ले रखा था उसमें सरकार से 'गठबंधन धर्म' का पालन करने की मांग की गई थी। हंगामें के बीच लोकसभा अध्यक्ष द्वारा टीडीपी सांसदों को शांत कराने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन वे नहीं माने और हंगामे और नारे के बीच ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ती रही।
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सहयोगी दल को शांत कराने की कोशिश के तहत संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने टीडीपी सदस्यों को आश्वस्त किया कि केंद्र उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और यह सरकार आंध्रप्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जो मुद्दे ये लोग उठा रहे हैं, उनपर ध्यान दिया जाएगा।" इसके बावजूद भी टीडीपी सदस्यों ने नारे लगाना जारी रखा और प्रदर्शन के दौरान एक समय गाना भी गाया। हालांकि, प्रदर्शन के बावजूद सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई।
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी लोकसभा में जमकर हंगामा किया। लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय के नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में संसद परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। बंदोपाध्याय ने कहा कि एक प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम संसद में इस मामले को उठाएं। टीएमसी सांसदों ने सरकार और बीजेपी से पूछा है कि तेल और घरेलू गैस की कीमतें क्यों बढ़ी हैं।
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