महाराष्ट्र के शिरूर से एनसीपी के लोकसभा सांसद और अभिनेता अमोल कोल्हे एक बार फिर चर्चाओं में हैं। एक साल पहले ओटीटी फिल्म 'व्हाई आई किल्ड गांधी' में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का किरदार निभाने को लेकर वह अपनी ही पार्टी से भिड़ गए थे। फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किये जाने पर उनकी पार्टी के लोगों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी। उन्होंने अपने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को यह समझाकर इसे मसले को हल किया कि उन्होंने 2017 में तब फिल्म साइन की थी। तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह कभी एनसीपी से सांसद बनेंगे। उन्होंने पवार से कहा कि यह उनके लिए सिर्फ एक भूमिका थी और वह आरएसएस की विचारधारा में विश्वास नहीं करते हैं। इसके बाद यह विवाद खत्म हो पाया था।
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अमोल कोल्हे अब पिंपरी-चिंचवाड़ में पुलिस से भिड़ गए हैं, जो एक औद्योगिक शहर है और जो शरद पवार के गढ़ बारामती संसदीय क्षेत्र में पड़ता है, जहां से वर्तमान में उनकी बेटी सुप्रिया सुले लोकसभा सांसद हैं। कोल्हे ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज पर उनके नवीनतम नाटक को बंद करने की धमकी दी है, जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने क्रूरता से मार डाला था। यह नाटक नासिक, कोल्हापुर, कराड, औरंगाबाद और यहां तक कि कर्नाटक के बेलगाम जिले के मराठी भाषी सीमावर्ती शहर निप्पनी सहित महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में हाउसफुल चल रहा है।
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इस नाटक के टिकट की कीमत 300 रुपये प्रति व्यक्ति है। कोल्हे ने आरोप लगाया है कि पिंपरी-चिंचवाड़ पुलिस ने धमकी दी है कि अगर उन्होंने उन्हें शो का मुफ्त पास नहीं दिया तो उनका नाटक बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो कि गृह मंत्री भी हैं, इस मामले को देखें और भ्रष्ट पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
कोल्हे ने आज शाम पिंपरी-चिंचवाड़ के थिएटर में मंच से हाथ जोड़कर दर्शकों से कहा, "उन्होंने मुझे धमकी दी है कि अगर तुम हमें मुफ्त टिकट नहीं दोगे तो हम देखेंगे कि तुम्हारा शो कैसे चलता है।" वह उन पुलिस वालों का नाम नहीं लेंगे जिन्होंने उनके शो को बंद करने की धमकी दी थी, उन्होंने यह कहते हुए पूछा कि नासिक में पुलिस आयुक्त ने 2,500 पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए टिकट खरीदे। शो हाउसफुल चल रहे हैं क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों को छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी से परिचित कराने के लिए ला रहे हैं।"
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कोल्हे ने आगे कहा, "महाराष्ट्र पुलिस से मेरा विनम्र अनुरोध है कि अपनी गौरवशाली छवि को धूमिल करने के लिए ऐसा न करें। आपने 26/11 को आतंकवादियों से लड़ाई लड़ी, आप में से कई लोगों ने कोविड के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। उस छवि को मैला न होने दें। यहां टिकट खरीदने वाले हर व्यक्ति ने अपने करों का भुगतान किया है। यह वे कर हैं जो पुलिसकर्मियों का वेतन देते हैं। तो अब वे मुफ्त टिकट क्यों चाहते हैं?" बाद में उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर पुलिसकर्मियों के साथ अपने टकराव का एक वीडियो भी पोस्ट किया।
कोल्हे ने आगे कहा, “ईमानदारी से, मैं आपको बताना चाहता हूं कि शो को नासिक, औरंगाबाद, निप्पानी, कोल्हापुर और कराड में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जहां पुलिस ने प्रदर्शन के लिए अपना पूरा समर्थन दिया। मैं उस पुलिसकर्मी (जिसने मुफ्त टिकट की मांग की) के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मुफ्त की मांग करने वाले पुलिसकर्मियों की मानसिकता के खिलाफ हूं। पुलिस की जो वर्दी पहनी है वह जिम्मेदारी की है और पुलिस को उस कर्तव्य को ध्यान में रखना चाहिए। मंच पर आएं और खुद देखें कि कलाकारों ने शो के लिए कितनी मेहनत की है और तकलीफ सही है।"
फिलहाल अभी तक न तो फडणवीस ने और न ही पुलिस प्रशासन ने कोल्हे के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।
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