भारतीय नौसेना ने उत्तर, मध्य अरब सागर और अदन की खाड़ी में निगरानी बढ़ा दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय समुद्री डकैती की घटना और भारतीय ईईजेड के करीब एक जहाज पर हाल ही में ड्रोन हमले के मद्देनजर लिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य-उत्तरी अरब सागर में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों के साथ होने वाली समुद्री सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना हुई। वहीं पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल ही में ड्रोन हमला हुआ। यह भारतीय ईईजेड के निकट होने वाली समुद्री घटनाओं में बदलाव का संकेत देते हैं।
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मंत्रालय का कहना है कि इन घटनाओं के जवाब में भारतीय नौसेना ने मध्य-उत्तरी अरब सागर में समुद्री निगरानी से संबंधित प्रयासों में काफी वृद्धि की है। यहां भारतीय नौसेना के बल के स्तर में भी वृद्धि की गई है। समुद्री सुरक्षा अभियान संचालित करने और व्यापारिक जहाजों को मदद प्रदान करने के लिए विध्वंसक और युद्धपोत को तैनात किया गया है। संपूर्ण समुद्री क्षेत्र से संबंधित स्थिति से अवगत रहने के लिए लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों और आरपीए द्वारा हवाई निगरानी को बढ़ाया गया है।
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मंत्रालय ने कहा कि ईईजेड की प्रभावी निगरानी के लिए भारतीय नौसेना तटरक्षक बल के साथ घनिष्ठ समन्वय करते हुए कार्य कर रही है। राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए भारतीय नौसेना द्वारा समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में व्यापारिक नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।
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गौरतलब है कि 26 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरब सागर में मर्चेंट वेसल (एमवी) केम प्लूटो पर हाल ही में हुए संदिग्ध ड्रोन हमले और लाल सागर में 'एमवी साईं बाबा' पर हमले का जिक्र किया था। अरब सागर में हाल के हमलों को ध्यान में रखते हुए पहले भारतीय नौसेना ने निवारक उपस्थिति बनाए रखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता (गाइडेड मिसाइल विध्वंसक) तैनात किए हैं।
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