बॉलीवुड और राजनीति में समान योगदान देने वाले अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सीमित उपस्थिति के कारण समारोह का बहिष्कार करने वाले पुरस्कार विजेताओं का दर्द साझा किया है।
सिन्हा ने कहा, "जो भी हुआ, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था और इसे टाला जा सकता था। मैं राष्ट्रपति को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। वह बिहार के राज्यपाल हुआ करते थे और एक अच्छे इंसान हैं। मैं आश्वस्त हूं कि उनका उद्देश्य किसी को दुखी करने का नहीं था। दुर्भाग्यवश, गलतफहमी के कारण कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा।"
उन्होंने कहा, "यह नहीं होना चाहिए था। देश के कलाकार राष्ट्रीय गर्व हैं। आप राष्ट्रपति के हाथों उन्हें पुरस्कृत करने के लिए आमंत्रित कर किसी और के हाथों से पुरस्कार वितरण नहीं करा सकते।"
शत्रुघ्न ऐसा नहीं मानते कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने पुरस्कार वितरित कर कोई गलती की है।
उन्होंने कहा, "वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक योग्य सदस्य हैं। हालांकि ये पुरस्कार राष्ट्रपति के हैं। ये राष्ट्रपति के अलावा किसी अन्य के द्वारा वितरित नहीं किए जा सकते। और कुछ 'विशेष चयनित पुरस्कारों' को राष्ट्रपति द्वारा व्यक्तिगत रूप से ही दिया जाता है।"
शत्रुघ्न ने कहा, "सभी सम्मानित 10-11 'विशेष चयनित पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं, प्रत्येक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता ही विशेष होता है। यह इसी तरह है जैसे आपने अपने घर पर आमंत्रित मेहमानों को दो भागों में वर्गीकृत कर उन्हें दो प्रकार के भोजन दे रहे हैं।"
उन्होंने राष्ट्रपति पर कोई आरोप लगाए बिना आश्चर्य जताया कि वे प्रत्येक व्यक्ति को पुरस्कार वितरित करने के लिए पर्याप्त समय क्यों नहीं दे सके।
उन्होंने कहा, "महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सहित सभी राष्ट्रपतियों ने प्रत्येक विजेता को बिना किसी परेशानी के पुरस्कार दिया है। इस बार यह परंपरा कैसे टूट गई। और क्या ऐसी व्यवस्था राष्ट्रपति को देश के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित करने के गौरवशाली कार्य से दूर कर सकती है?"
Published: 05 May 2018, 12:28 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 05 May 2018, 12:28 PM IST