लोकतंत्र का मंदिर संसद बुधवार को उन शब्दों का गवाह बन गया जिससे देश की लोकतांत्रिक और धर्मनिरेपक्ष आत्मा का सिर शर्म से झुक गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार में के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाली बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर ने इस बार लोकसभा में गोडसे को देशभक्त कह दिया। संसद में तो हंगामा होना ही था और इन शब्दों को रिकॉर्ड से बाहर किया जाना था, लेकिन तीर कमान से निकल चुका था।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछा है कि आखिर वह कुछ बोलेंगे या फिर हमेशा की तरह इस पर भी खामोश ही रहेंगे।
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वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि, “राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को दिल से कभी माफ़ नहीं करने की बात कहने वाले मोदी जी को अब लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद में इसी बयान को दोहराने पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर को क़तई माफ़ नहीं करना चाहिये।“ उन्होंने आगे कहा कि, “देश तो उन्हें इस बयान के लिये कभी भी माफ़ नहीं करेगा। बीजेपी से देश अब यह जानना चाहता है कि वो गांधी जी के साथ है या गोडसे के साथ ? उन्हें अब यह स्पष्ट करना चाहिये। यदि वो गांधी जी के साथ है तो गांधी जी के हत्यारे को महिमा मंडित करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही अविलंब बीजेपी को करना चाहिये।“
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वहीं एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संसद का अपमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही बीजेपी संविधान दिवस मनाती है और अगले ही दिन आतंक की आरोपी गोडसे को देशभक्त बताती हैं। उन्होंने सवाल पूछा है कि, “आखिर कब प्रधानमंत्री स्पष्ट करेंगे कि यह गोडसे का भारत या गांधी का भारत?”
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इसके अलावा लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता साध्वी खोसना ने मांग की है कि प्रज्ञा ठाकुर की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोडसे को देशभक्त कहना सिर्फ राष्ट्रपिता का ही अपमान नहीं, बल्कि उन सभी स्वतंत्रता सेनाानियों का अपमान है जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण दिए।
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पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा है कि, “ गांधी -गांधी करने वाले पीएम मोदी मन से प्रज्ञा ठाकुर को माफ करें न करें , 'मन की बात' ही बता दें। यही बता दें देश को, कि मन से माफी वाले उनके बयान को इतनी गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है। या फिर निकालें गोडसे भक्त प्रज्ञा को पार्टी से।”
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पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा है कि आंतकवाद की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को संसद भेजकर, जहां वह महात्मा गांधी के कायर हत्यारे गोडसे की तारीफ करती है, बीजेपी को आंतकवाद पर बात करने का हक नहीं है।
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