भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 को लेकर नयी जानकारी दी है। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीर सामने आनी की उम्मीद है। दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने विक्रम के बारे में कोई सूचना देने की उम्मीद जताई है, क्योंकि उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) उसी स्थान के ऊपर से गुजरा होगा, जिस स्थान पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की संभावना जताई गई है। नासा बहुत जल्द भारतीय मून लैंडर विक्रम की स्थिति की जानकारी दे सकेगी।
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थीं। नासा ने कहा है कि लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी।
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नासा ने आगे कहा, “जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधला था और इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया। संभव है कि विक्रम लैंडर परछाई में छिपा हुआ है। एलआरओ जब अक्टूबर में वहां से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश अनुकूल होगा और एक बार फिर लैंडर की स्थिति या तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी।"
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नासा ने इससे पहले कहा था कि एलआरओ अब 14 अक्टूबर को चंद्रमा पर विक्रम की लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरेगा। नासा ने उम्मीद जताई थी कि इस बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी ज्यादा बेहतर होगी, जिसके चलते चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की तस्वीर ज्यादा स्पष्ट आने की संभावना है।
बता दें कि 7 सितंबर को इसरो के मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराने की कोशिश की गई थी। लेकिन चांद की सतह से कुछ ही दूर पहले इसका इसरो से संपर्क टूट गया, जिसके चलते भारत एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने में विफल हो गया।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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