भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गुरुवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई जमीन बचाने की है और सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही तो रामलला से गुहार लगाने आए हैं। उन्होंने रामलला से केंद्र सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इससे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी माथा टेका।
रामलला के दर्शन के बाद उन्होंने कहा, "हम भी सूर्यवंशी हैं। रामलला हमारे पूर्वज हैं। उनका मंदिर बन रहा है। यह बहुत खुशी की बात है। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। हम तो रामलला से गुहार लगाने आए हैं।" उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तीन महीने, तीन दिन हो गए हैं, लेकिन सरकार जानबूझकर कर मामले को लंबा खींच रही है, जिससे आंदोलन प्रभावित हो और आंदोलनकारी थककर वापस चले जाएं, लेकिन हम डटे रहेंगे।"
उन्होंने कहा, "हमें आंदोलन से उठने का मौका नहीं मिल रहा है। मांग पूरी हुए बिना हम किसानों के बीच किस मुंह से जाएंगे। हमारे आह्वान पर बूढ़े-बुजुर्ग किसान दिन-रात आंदोलन में शरीक हुए। उन्हें हम कैसे छोड़ सकते हैं। हम उन किसानों को क्या जवाब देंगे जो हमारे साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट उठाना चाहे तो उठा दे। किसान संयुक्त मोर्चा के साथ सरकार वार्ता करे। कृषि कानूनों में संशोधन की जरूरत हो तो वह भी करे। किसानों पर दर्ज मामले वापस हों। हम चाह रहे हैं कि बातचीत सही तरीके से हो। दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।"
नरेश टिकौत ने कहा, "यहां राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। इसमें हम लोग भी सहयोग करेंगे। सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है तो अब रामलला की बात सुनेगी। राम के नाम पर इन्हें वोट मिला। सरकार बनी। हम लोग भी भगवान श्रीराम के हैं तो ये लोग हमारी बात को क्यों नहीं मान रहे हैं? सरकार ईमानदारी से हमसे बात करे।” अपने भावी कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल भी जाएंगे और लोगों को बताएंगे की किसी को भी वोट दो, लेकिन बीजेपी को नहीं। इनकी कथनी और करनी में अंतर है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों और मजदूरों की विरोधी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में किसानों के विरोध का प्रभाव दिखाई पड़ जाएगा।
टिकैत ने कहा, "यह आंदोलन देशव्यापी होता जा रहा है। हम किसी पार्टी के समर्थक नहीं हैं। किसान संगठन अराजनैतिक है, लेकिन हम सभी बंगाल सहित विधानसभा चुनाव वाले दूसरे राज्यों में भी जाएंगे और जनता के बीच भाजपा सरकारों का कच्चा-चिट्ठा खोलेंगे।"
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