पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या मामले के दोषियों में से एक एस नलिनी को गुरुवार को तमिलनाडु की वेल्लोर जेल से एक महीने की पेरोल पर रिहा कर दिया गया। मद्रास उच्च न्यायालय ने 5 जुलाई को नलिनी को एक महीने की पेरोल मंजूर की थी। नलिनी ने हालांकि अपनी बेटी की शादी की तैयारियों के लिए 6 महीनों की पेरोल की मांग की थी। नलिनी ने अपने मामले की बहस खुद की थी।
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कोर्ट ने पेरोल देने के साथ नलिनी से राजनेताओं या मीडिया से ना मिलने के लिए कहा है। नलिनी ने अपनी याचिका में कहा कि आजीवन कारावास के प्रत्येक कैदी को दो साल जेल में रहने के बाद एक महीने की पेरोल स्वीकृत है और उसने पिछले 27 सालों से एक भी छुट्टी नहीं ली है।
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पेरोल मिलने के बाद नारंगी और लाल सिल्क साड़ी में महिला पुलिस से घिरी नलिनी जेल से बाहर आई। जहां उनकी मां उनका इंतजार कर रही थी। इससे पहले पिछले साल चेन्नई में अपने पिता के निधन पर अंतिम दर्शन के लिए नलिनी को एक दिन का परोल मिला था।
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नलिनी के अलावा मामले के 6 अन्य दोषियों में उसके पति वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन, एजी पेरारिवलन, टी सुतेंद्रराजा उर्फ सनतन, जयाकुमार, रॉबर्ट पायस और रविचंद्रन हैं। सभी दोषी 1991 में लिट्टे की महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा चेन्नई में एक जनसभा में खुद को उड़ाकर राजीव गांधी की हत्या करने के बाद से जेल में बंद हैं। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में पेरारीवलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस शामिल हैं। नलिनी का पति मुरुगन भी इसी जेल में उम्र कैद की सजा भुगत रहा है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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