उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार से लगता है कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अब तक उबर नहीं पाए हैं। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने स्वीकार किया कि उपचुनाव में पार्टी की करारी हार से उनकी छवि को नुकसान हुआ है। योगी ने माना कि खासतौर पर गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की हार से उनकी छवि को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में पार्टी नेताओं की हार अति आत्मविश्वास के कारण हुई है। कार्यक्रम में उन्होंने एक बार फिर ये दावा किया कि 2019 के चुनाव में उनकी पार्टी और बेहतर प्रदर्शन करेगी।
कार्यक्रम में सीएम योगी से उपचुनाव में हार, सीएम पद, सांसद जीवन, 2019 के आम चुनावों और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे गए। योगी ने कहा कि वह कोई नेता नहीं हैं। वे सेवा को साधन मानकर चलते हैं। राम मंदिर को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नारे पुराने पड़ गए हैं, लेकिन मंदिर निर्माण के लिए धैर्य रखना पड़ेगा। सांसद और सीएम पद की तुलना पर पूछे गए सवाल पर योगी ने कहा कि आज कार्यक्षेत्र बड़ा हो गया है। प्रदेश की जनता के लिए काम करने का एक मौका मिला है। सांसद के तौर पर कार्य करने का अनुभव होता है। दोनों का उद्देश्य एक ही है। बस दायरे में बदलाव हो जाता है।
कार्यक्रम में 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर योगी ने दावा किया कि 2019 में हम और बेहतर प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से पीएम बनेंगे। योगी ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनाने में यूपी एक बार फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तीसरे मार्चे के कयासों पर योगी ने कहा कि तीसरा मोर्चा बनने से पहले ही बिखर जाएगा। योगी ने दावा किया, 2019 में गोरखपुर में फिर से बीजेपी की जीत होगी। हम 2 सीटों से 80 सीट जीतेंगे।
गौरतलब है कि 14 मार्च को उत्तर प्रदेश के गोरकपुर औऱ फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। दोनों ही सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को बसपा के समर्थन से सपा के प्रत्याशियों ने बुरी तरह से हरा दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर मार्च 2017 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की विशाल जीत के बावजूद, महज एक साल में उसे प्रदेश के उपचुनाव में उसे दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
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