लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सोयाबीन के लिए 7,000 रुपये प्रति क्विंटल और बोनस तय करके महाराष्ट्र के किसानों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एमवीए प्याज के लिए उचित मूल्य और कपास के लिए सही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए एक समिति बनाएगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पिछले तीन चुनावों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये एमएसपी देने का वादा कर रही है, लेकिन आज भी किसान अपनी मेहनत से उगाए गए सोयाबीन को 3,000-4,000 रुपये में बेचने को मजबूर हैं। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एमवीए हमारे किसानों को उनके अधिकार, कड़ी मेहनत का फल और न्याय दिलाएगा।’’
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सत्तारूढ़ महायुति सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र ने केवल 3,888 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा है, जबकि तेलंगाना ने लगभग 25,000 मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदा है। कांग्रेस ने कहा कि यह उनके बीच का अंतर है जो किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और जो अपनी जेब और सत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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इससे पहले गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास उत्पादक किसान बीजेपी नीत सरकार की ‘‘किसान विरोधी’’ नीतियों के कारण निराश हैं। कांग्रेस नेता ने वादा किया था कि राज्य में सरकार बनने के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ उनके मुद्दों का समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि 2021 में सोयाबीन की कीमतें 10,000 रुपये तक थीं, लेकिन अब किसान इसे एमएसपी से कम पर बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा था कि सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये है, लेकिन किसानों को इसे लगभग 4,200 रुपये या उससे भी कम पर बेचना पड़ रहा है।
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इससे पहले राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। गांधी को सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों की एक रैली को संबोधित करने के लिए चुनावी राज्य महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के चिखली का दौरा करना था। मंगलवार को दिल्ली से उनकी उड़ान में तकनीकी खराबी आने के बाद उनकी रैली रद्द कर दी गई थी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होना है। मतगणना 23 नवंबर को होगी।
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