मुंबई सेशन कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन और तीन अन्य दोषियों को जबरन वसूली के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई है। आपको बता दें, मामला साल 2015 में पनवेल के एक बिल्डर से 26 करोड़ की एक्सटॉर्शन मनी मांगने का है। आरोप था कि पैसों के लिए छोटा राजन के आदमी बिल्डर को धमकाते थे और जान से मारने की धमकी देते थे, जिसके बाद बिल्डर से शिकायत की थी।
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साल 2015 में नंदू वाजेकर ने पुणे में एक जमीन खरीदी थी जिसके एवज में एजेंट परमानंद ठक्कर (वांटेड अपराधी) को 2 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में देना तय हुआ था। लेकिन ठक्कर को और पैसे चाहिए थे जो कि वाजेकर को मंजूर नहीं थी। जिसके बाद ठक्कर ने छोटा राजन से संपर्क साधा और बिल्डर को धमका कर दो करोड़ से ज्यादा की रकम वसूलने को कहा।
आपको बता दें, छोटा राजन के अलावा इस मामले में तीन और दोषी हैं। इनके नाम सुरेश शिंदे और लक्ष्मण निकम उर्फ दादया सुमित विजय मात्रे हैं। इस मामले में पुलिस अब भी एजेंट परमानंद ठक्कर की तलाश कर रही है। गौरतलब है कि छोटा राजन को 2015 में बाली से भारत लाया गया था। फिर उस पर लगे सारे मामले सीबीआई को ट्रांसफर हो गए थे। उसी में से यह एक मामला भी है यह मामला पनवेल में रजिस्टर किया गया था। इसी मामले पर मुंबई के सेशंस कोर्ट अपना जजमेंट दिया।
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