हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की पवर्तारोही बलजीत कौर की माउंट अन्नपूर्णा के कैंप 4 के पास चोटी से नीचे उतरते समय मौत हो गई। जानकारी के मुताबकि अन्नापूर्णा बैस कैंप से बलजीत कौर लापता हो गई थी। लेकिन अब उनके निधन की खबर आ रही है। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने मौत की पुष्टि की है।
आपको बता दें, अन्नापूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी है, जो नेपाल के काठमांडू क्षेत्र में स्थित है और बलजीत कौर ने इसे बिना ऑक्सीजन के फतेह किया था। वह कैंप से वापस लौट रही थी और इस दौरान लापता हो गई। कई घंटों की मशक्कत के बाद हेलीकॉप्टर के माध्यम से बलजीत कौर का शव खोजा गया। बलजीत कौर ने माउंट एवरेस्ट सहित दुनिया कई ऊंची चोटियों को फतह किया है।
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बता दें कि बलजीत कौर केवल 27 साल में 8,000 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही हैं। उन्होंने इतने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। जानकारी के मुताबिक बलीजत कौर ने पर्वतारोही के रूप में 19 साल की छोटी-सी उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सबसे पहले मनाली के देओ टिब्बा को फतह किया था। इसके बाद, वह माउंट पमोरी को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
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बलजीत कौर के नाम एक और विशेष रिकॉर्ड है। उन्होंने महज 30 दिनों के अंतरात में 8 हजार मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह किया था। इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी।
इससे पहले सोमवार को राजस्थान के रहने वाले 36 वर्षीय पर्वतारोही अनुराग मालू की भी मौत हो गई थी। अब तक इस कैंप में तीन पर्वतारोही अपनी जान गवा चुके हैं। इनमें भारत के अनुराग मालू और बलजीत कौर के साथ आयरलैंड के नोएल हन्ना शामिल हैं। नोएल हन्ना ने शिखर बिंदु से लौटने के बाद कैंप-4 में अंतिम सांस ली थी।
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