हालात

दिल्ली सरकार के अस्पतालों के अधिकतर हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीन लेने से इनकार, एमसीडी के हेल्थ वर्कर्स हड़ताल पर

पूरे देश में कोरोना वैक्सीन का ड्राइव कल यानी 16 जनवरी से शुरु हो रहा है। लेकिन राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों के अधिकतर हेल्थ वर्कर्स ने इस वैक्सीन को लेने से इनकार कर दिया है। उधर नॉर्थ एमसीडी के हेल्थ वर्कर्स हड़ताल पर हैं।

फोटो : Getty Images
फोटो : Getty Images Hindustan Times

देश भर में कल यानी 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरु होने वाला है। लेकिन इसकी पूर्व संध्या पर सामने आया है कि दिल्ली के 6 सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले हेल्थ वर्कर्स में 30 फीसदी से भी कम ने वैक्सीन लगवाने की हामी भरी है। हालांकि ज्यादातर हेल्थ वर्कर्स ने तीन सप्ताह पहले वैक्सीनेशन के लिए अपनी डिटेल्स दर्ज कराई थीं, लेकिन आखिरी दिन आने पर उन्हें की गई कंफर्मेशन कॉल्स के दौरान ज्यादातर ने इससे दूर रहने का विकल्प चुना है। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार के अधीन किसी भी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक भी वैक्सीन का टीका नहीं लगवाएंगे।

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इस बारे में नेशनल हेरल्ड ने दिल्ली के कई अस्पतालों के हेल्थ वर्कर्स से बात की। इनमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानी एम्स, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, लोकनाक अस्पताल और गुरुतेगबाहदुर अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्सें, लैब टैक्नीशियन और अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल है। बता दें कि एम्स, आरएल और सफदरजंग अस्पताल के हेल्थ वर्कर्स को भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन दी जाएगी जबकि दो दूसरे अस्पतालों में सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड दी जाएगी। दिल्ली के कुल 81 वैक्सीन केंद्रों में से 75 पर कोविशील्ड दी जाएगी जबकि बाकी 6 केंद्रों पर कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा।

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सूत्रों के मुताबिक, एम्स के करीब 12,000 कर्मचारियों में से 150 हेल्थ वर्कर्स के नाम उस सूची में हैं जिन्हें वैक्सीन दी जानी है। लेकिन इनमें से 50 से भी कम ने 16 जनवरी को होने वाले वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल होने की हामी भरी है। एम्स के हेल्थ कर्मचारियों में से ज्यादातर के फोन स्विच ऑफ हैं, कुछ ने यह कहते हुए वैक्सीनेशन से अलग कर लिया है कि वे पहले ही वैक्सीन ले चुके हैं यह फिर शहर में नहीं हैं।

एम्स में काम करने वाले एक हेल्थ वर्कर ने कहा कि, “हम वैक्सीन के खिलाफ नहीं हैं। हम हर किसी से कहेंगे कि वह वैक्सीन लें, पर मैं खुद ऐसी वैक्सीन लेने के पक्ष में नहीं हूं जिसका ट्रायल भी अभी पूरा नहीं हुआ हो। हम गिनी पिग नहीं बनना चहाते। इस तरह तो यह अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल बनने वाला है। ऐसे में हममें से बहुत ने तय किया है कि हम इंतजार करेंगे, हालांकि हम सबने अपने नाम दिए थे।”

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उधर लोकनायक अस्पताल में 75 से भी कम हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीनेशन के लिए हामी भरी है। इनमें से 58 डॉक्टर, 11 नर्सें और 6 पैरा मेडिकल स्टाफ और दो सहायक हैं जिन्होंने वैक्सीनेशन के लिए अपने नाम दिए हैं। इनमें से कुछ 50 वर्ष से ऊपर उम्र के हैं, इसलिए उन्हें सूची से बाहर कर दिया गया है, और जो भी सूची में हैं उनमें ज्यादातर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के छात्र हैं।

सेंट्रल दिल्ली स्थित एक सरकार अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि, “उनके यहां 100 लाभार्थियों की सूची बनाई गई है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका नाम भी इसमें है तो उन्होंने कहा कि “उन्हें नहीं पता है कि उनका नाम इसमें है या नहीं। उन्होंने कहा कि उनके यहां करीब 4000 हेल्थ वर्कर्स हैं और उनके नाम डिस्ट्रिक्ट सर्वेलेंस अधिकारी ने रैंडमली सिलेक्ट किए हैं।“

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सुरेश कुमार ने 11 जनवरी को एक सरकारी पत्र भेजकर कहा था कि सभी विभागों के प्रमुख उन हेल्थ केयर वर्कर्स के नाम मोबाइल नंबर सहित भेजें जो स्वेच्छा से पहले दिन कोरोना वैक्सीन लेना चाहते हैं। इन नामों को 12 जनवरी तक जमा कराया जाना था।

उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में कोविशील्ड वैक्सीन की 320 डोज़ पहुंच गई हैं और उनके यहां सोमवार, मंगलवार गुरुवार और शनिवार को वैक्सीनेशन होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वैक्सीनेशन ड्राइव को लांच करेंगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस पर निगरानी रखेंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 16 जनवरी को वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत के साथ ही दिल्ली के 8100 हेल्थ वर्कर्स को वेक्सीन दी जाएगी। दिल्ली को कोविशील्ड की 2.74,000 डोज़ और कोवैक्सिन की 20,000 डोज़ मिली हैं।

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में हालात अलग हैं। यहां के कई हेल्थ वर्कर्स ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वे वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहते। पत्र में उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि पहले वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो जाए और सारा डेटा सामने आ जाए, उसके बाद ही वैक्सीनेशन कराएंगे। आरएमएल में करीब 100 हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन होना है।

इसी तरह सफदरजंग अस्पताल के 50 फीसदी से भ कम हेल्थ वर्कर्स वैक्सीनेशन के लिए हामी भरी है। गुरु तेगबहादुर अस्पताल में कितने लोगों को वैक्सीन दी जाएगी इसकी संख्या अभी तय नहीं है, लेकिन यहां के ज्यादातर हेल्थ वर्कर्स वैक्सीन लगवाने में हिचकिचा रहे हैं।

उधर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में हेल्थ वर्कर्स ने साफ कह दिया है कि जब तक उनके बकाया वेतन का भुगतान नहीं होता वे वैक्सीनेशन ड्राइव में सहयोग नहीं करेंगे। ध्यान रहगे कि यहां डॉक्टर्स, नर्सें, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर 7 जनवरी से हड़ताल पर हैं। इन लोगों को कम से कम 3 महीने से वेतन नहीं मिला है।

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