हाल ही में यूरोप से लौटे कोलकाता के एक युवक को वायरल बीमारी जैसे चकत्ते और लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने युवक की पहचान का खुलासा नहीं किया है क्योंकि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से अंतिम परीक्षण रिपोर्ट का अभी इंतजार है।
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स्वास्थ्य सेवा निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि इस समय घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि उक्त युवक को मंकीपॉक्स हुआ है या नहीं इसकी पुष्टि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से रिपोर्ट मिलने के बाद ही की जा सकती है।
उक्त युवक के शरीर पर चकत्ते का पता चलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोई जोखिम नहीं उठाया क्योंकि वह हाल ही में यूरोप से लौटा था, जहां वह शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए गया था। उसे शहर के एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है, जहां डॉक्टर उसकी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।
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सकारात्मक बात यह है कि युवक के परिवार के अन्य सदस्यों में से किसी में भी समान लक्षण नहीं दिखे, हालांकि उन्हें सतर्क रहने और समान लक्षणों के किसी भी संदेह के मामले में अस्पताल में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
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डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 60 देशों में 7,000 से अधिक मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। मंकीपॉक्स कुछ मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में नोट किया गया था और अब गैर-स्थानिक देशों में भी इसका पता लगाया जा रहा है। WHO के महानिदेशक के अनुसार उनकी टीमें डेटा का बारीकी से जाँच कर रही हैं। साथ ही आपातकालीन समिति को फिर से बुलाने की योजना बनाई जा रही है ताकि वर्तमान स्थिति और प्रकोप का स्तर, और उपायों के कार्यान्वयन पर अपडेट हो सकें।
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