लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर मोदी के मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान राग अलापा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लगातार पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन दे रहा है। अगर उसने आतकंवाद को नहीं रोका तो पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों का पानी रोकने के अलावा हमारा पास दूसरा कोई रास्ता नहीं रहेगा। भारत इस पर अध्यन कर रहा है। पाकिस्तान के हिस्से का पानी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के हिस्से में जाएगा।
Published: 09 May 2019, 11:01 AM IST
नितिन गडकरी ने आगे कहा, “तीन नदियों का पानी पाकिस्तान जा रहा है, हम इसे रोकना नहीं चाहते हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच जल संधि का आधार शांतिपूर्ण संबंध और दोस्ती थे, जो अब पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। इसलिए हम इस संधि का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।”
Published: 09 May 2019, 11:01 AM IST
नितिन गडकरी ने पाकिस्तान के हिस्से का पानी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के हिस्से को देने की बात कही है। बता दें कि बाकी चरणों में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चुनाव होने है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या इन राज्यों के वोटरों को साधने के लिए नितिन गडकरी ने पाकिस्तान और आतंकवाद का जिक्र किया है।
Published: 09 May 2019, 11:01 AM IST
क्या है सिंधु जल समझौता?
बता दें कि पाकिस्तान के कराची में 19 सिंतबर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरल लाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के बीच सिंधू जल समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत भारत रावी, ब्यास और सतुलज नदी के 100 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल कर सकता है। इसी तरह झेलम, सिंधु और चेनाब नदियों के अधिकांश पानी को इस्तेमाल करने का अधिकार पाकिस्तान का है। लेकिन मौजूदा स्थिति ये है कि इन सभी 6 नदियों का अधिकतम पानी पाकिस्तान ही इस्तेमाल कर रहा है। और सिंधु जल समझौते के तहत भारत के हिस्से में जो नदियां हैं, वो भारत उन नदियों के पानी का 100 प्रतिशत इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।
Published: 09 May 2019, 11:01 AM IST
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Published: 09 May 2019, 11:01 AM IST