पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों पर क्लीन चिट देने से नाराज चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध जाहिर किया है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अशोक लवासा ने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी को विवादित बयानों के मामले में क्लीन चिट दिये जाने पर उनके फैसले को रिकॉर्ड नहीं किया गया।
Published: 18 May 2019, 12:15 PM IST
अशोक लवासा ने 4 मई को लिखे अपने पत्र में दावा किया था, “जब से अल्पमत को रिकॉर्ड नहीं किया गया तब से लेकर मुझे कमीशन की मीटिंग से दूर रहने के लिए दबाव बनाया गया।”
Published: 18 May 2019, 12:15 PM IST
बता दें कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए गठित की गई समिति में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे। इन मामलों में चुनाव आयुक्त लवासा का मत बाकी दोनों सदस्यों से अलग था और वह उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में मान रहे थे। लेकिन बहुमत से लिए गए फैसले में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं मानते हुए क्लीनचिट दे दी गई। सिर्फ यही नहीं लवासा चाहते थे कि उनका मत रिकॉर्ड पर लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
Published: 18 May 2019, 12:15 PM IST
खबरों की माने तो अशोक लवासा चाहते थे कि पीएम मोदी को शिकायतों पर नोटिस दिया जाए जिसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके इतर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ 6 शिकायतों में उन्हें क्लीन चिट दे दी। मोदी के खिलाफ आचार संहिता के कई शिकायतें थी जिसमें एक में उनका पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर विवादित बयान भी शामिल था।
Published: 18 May 2019, 12:15 PM IST
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Published: 18 May 2019, 12:15 PM IST