केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। पूर्णिया में उन्होंने कहा कि 1947 में ही सभी मुस्लिम लोगों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा चलाया जा रहा है। सीएए पर जो जुबान पाकिस्तान बोलता है वही विपक्ष के लोग भी बोल रहे हैं।
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उन्होंने आजादी और विभाजन पर बात करते हुए कहा, “1947 के पहले हमारे पूर्वज आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और जिन्ना देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की योजना बना रहा था। उस समय हमारे पूर्वजों से बहुत बड़ी भूल हुई। अगर तभी मुसलमान भाइयों को वहां (पाकिस्तान) भेज दिया जाता और हिंदुओं को यहां बुला लिया जाता तो आज यह नौबत ही नहीं आती।”
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उन्होंने आगे कहा, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का एक छात्र कहता है कि जो हमारी कौम से टकराया है वह बर्बाद हुआ है। मैं भी कहना चाहता हूं कि यहां भी जो हमसे टकराएगा, बर्बाद हो जाएगा।” गिरिराज सिंह ने आगे कहा, “भारत तेरे टुकड़े-टुकड़े होंगे के नारे लगते हैं। इसलिए आज समय आ गया है कि देश को राष्ट्र के प्रति समर्पित होना होगा।”
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दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग शाहीन बाग तर्ज पर विरोध कर रहे हैं। उन्हनें बात दूं कि दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग के लोगों ने वोटर कार्ड दिखाकर वोट दिया है। उन्होंने वहां नहीं कहा कि हम सबूत नहीं दिखाएंगे।”
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इससे पहले भी गिरिराज सिंह विवादित बयान दे चुके हैं। सहारनपुर में उन्होंने कहा था, “मैंने एक बार कहा था कि ये देवबंद आतंकवाद की गंगोत्री है। दुनिया में जो भी आतंकवादी पैदा हुए, चाहे हाफिज सईद का मामला हो, यह सारे लोग यहीं से निकलते हैं। यह सीएए के विरोध में नहीं है यह भारत के विरोध में हैं। एक तरह से खिलाफत आंदोलन है।”
इससे पहले गिरिराज सिंह ने 29 नवंबर को विवादित बयान दिया था। उत्तर प्रदेश के देवबंद पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा था, “देवबंद शिक्षा का नहीं, आतंक का मंदिर है। आतंकी हाफिज सईद और बगदादी भी यहीं के विद्यार्थी रहे हैं, जैसा कि मुझे लोगों ने बताया है।”
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