पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि बुधवार को केंद्रीय बजट के दिन शेयर बाजार में गिरावट के कारण केंद्र सरकार एक तरह से गिरने की कगार पर थी। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पूर्वी बर्दवान जिले में एक जनसभा में दावा किया, सरकार गिरने के कगार पर थी। कुछ पार्टियों को उस व्यक्ति को धन उपलब्ध कराने के लिए बेताब कॉल किए गए थे, जिनके शेयर की कीमतें तेजी से गिर रही थीं। हालांकि उन्होंने इस सिलसिले में किसी का नाम नहीं लिया।
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ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे पता है कि फंड मुहैया कराने के लिए किस-किस से संपर्क किया गया था। लेकिन मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहती, क्योंकि इससे उनका जीवन दयनीय हो जाएगा। कम से कम छह लोगों को बुलाया गया था। कुछ को लगभग 30,000 करोड़ रुपये, कुछ को 20,000 करोड़ रुपये और कुछ को 10,000 करोड़ रुपये उस व्यक्ति को देने के लिए कहा गया, जिसकी कंपनियों के शेयर की कीमतें गिर गईं। ऐसी सरकार, जिसके पास कोई योजना नहीं है, लंबे समय तक कैसे चलेगी।
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट 2023-24 में प्रस्तावित आयकर राहत को भी आंखों में धूल झोंकने वाला करार दिया। बनर्जी ने कहा, एक तरफ कर राहत की घोषणा की गई और दूसरी तरफ किए गए निवेश पर मौजूदा रियायतों से इनकार कर दिया गया। यह ढाई रुपये काटकर दो रुपये देने जैसा है।
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ममता की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि गुरुवार को पेश किया गया लोकप्रिय बजट मुख्यमंत्री के लिए एक बुरा सपना बन गया है, जिसके चलते वह केंद्र सरकार के गिरने के ऐसे 'काल्पनिक' दावे कर रही हैं। लेकिन वह इस तरह के दावे करके लोगों को लंबे समय तक बेवकूफ नहीं बना पाएंगी। वह गुस्से और हताशा में ऐसी बातें कह रही हैं।
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