देश में प्याज समेत खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगी आग से त्रस्त जनता को आने वाले दिनों में एक और बड़ा झटका लग सकता है। खबरों के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में भारी कमी से मोदी सरकार बेहद परेशान है। खबर है कि कलेक्शन में लगातार कमी को देखते हुए जीएसटी काउंसिल जीएसटी दरों के ढांचे में बदलाव पर विचार कर रही है। ऐसे में जीएसटी स्लैब में होने वाले बदलाव के कारण पहले से ही महंगाई से तबाह जनता पर एक और मार पड़ सकती है।
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मीडिया की खबर के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड गिरावट को देखते हुए जीएसटी के 5 फीसदी स्लैब को बढ़ाकर 9 से 10 फीसदी किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि स्लैब में इस बदलाव से केंद्र सरकार को हर महीने 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि, इससे पहले चर्चा थी कि सरकार के भारी दबाव की वजह से जीएसटी काउंसिल 5 फीसदी के स्लैब को बढ़ाकर 6 फीसदी करने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य और केंद्र को 3-3 फीसदी जीएसटी प्राप्त हो सकेगा।
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फिलहाल खबर है कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 18 दिसंबर को होने वाली बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर, क्षतिपूर्ति उपकर और जीएसटी छूट वाली वस्तुओं समेत राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इसी बैठक में 5 फिसदी वाले जीएसटी स्लैब को बदलने की घोषणा हो सकती है। खास बात ये है कि जीएसटी लागू होने के लगभग ढाई साल बाद यह पहली बार होगा जब इतने बड़े पैमाने पर कोई बदलाव किया जाएगा।
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बता दें कि वर्तमान में देश में जीएसटी के चार दर हैं। इनमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी वाले स्लैब हैं। सरकार के अनुसार 5 फीसदी स्लैब टोटल जीएसटी कलेक्शन में सिर्फ 5 प्रतिशत ही योगदान देता है। जबकि सरकार को करीब 60 फीसदी राजस्व 18 फीसदी स्लैब केदायरे में आने वाली वस्तुओं से मिलता है। इसके अलावा जीएसटी समिति सिगरेट और एयरेटेड पेय पर भी क्षतिपूर्ति सेस दर में इजाफा करने पर विचार कर रही है।
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