पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी सेना के शौर्य के नाम पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। लेकिन उसने राजनीति के अलावा सेना में सुधार के कोई खास कदम नहीं उठाए है। इसका ताजा उदाहरण एक रिपोर्ट से सामने आया है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने रक्षा मंत्रालय को जानकारी दी है कि घटिया क्वालिटी के गोला-बारूद की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में सैनिकों की जानें जा रही हैं, लगातार सैनिक घायल हो रहे हैं और उपकरणों को नुकसान पहुंच रहा है।
Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST
रिपोर्ट के अनुसार, टैंकों, बंदूकों और तोपखानों जैसे युद्ध उपकरणों को यह घटिया गोला- बारूद सरकार के स्वामित्व वाले ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की ओर से आपूर्ति किया जा रहा है। ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले इस गोला-बारूद पर सेना अब भरोसा नहीं कर रही है।
Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 105 एमएम भारतीय फील्ड गन्स, 105एमएम लाइट फील्ड गन्स, 130 एमएम एमए 1 बंदूक, 40 एमएम एल-70 हवाई रक्षा बंदूक, के साथ नियमित हादसे’ हो रहे हैं। यही नहीं, टी-72, टी-90 और अर्जुन बैटल टैंक्स की मेन गन्स के साथ भी समस्या आ रही है। बता दें कि ओएफबी के अंतर्गत 41 कारखाने हैं, जो 12 लाख से ज्यादा जवानों वाली सेना को मुख्य रूप से गोला-बारूद की आपूर्ति करते हैं।
Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST
बताया जा रहा है कि सेना ने अपनी चिंताएं रक्षा उत्पादन के सचिव अजय कुमार के समक्ष रखी हैं। सेना की शिकायत सुनने के बाद सचिव अजय कुमार ने सेना से सभी हथियार और गोला-बारूद की समस्याओं से संबंधित कागजात जमा करने को कहा है।
Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST
बता दें कि ओएफबी के 41 कारखानों का सालाना कारोबार लगभग 19 हजार करोड़ रुपये का है। माना जा रहा है कि ओएफबी के उत्पादों की गुणवत्ता में गिरावट का असर देश की युद्ध क्षमता पर पड़ेगा। वहीं इन आरोपों के बाद ओफबी का कहना है कि वह फैक्ट्री के क्वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा कड़े निरीक्षण के बाद ही सेना को सप्लाई करता है। साथ ही ओफबी ने कहा है कि सेना किस तरह गोला बारूद का रख-रखाव करती है, इसकी जानकारी उसके पास नहीं है।
इससे पहले भी सेना के एक जवान ने जवानों को दी जाने वाली खाने पर सवाल उठाया था। जनवरी 2017 में तेज बहादुर यादव ने ये आरोप लगाया था, “हमें नाश्ते में बिना किसी सब्जी या अचार के साथ सिर्फ एक पराठा और चाय मिलती है। हम लम्बी ड्यूटी करते हैं और घंटों तक खड़े रहते हैं। दोपहर के खाने में हमें रोटी के साथ एक ऐसी दाल मिलती है जिसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है। तेज बहादुर ने तब अपनी बातों में खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाया था साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि ऐसा खाना खाकर हम देश की सीमा की सुरक्षा कैसे करेंगे?”
Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST
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Published: 14 May 2019, 12:07 PM IST