झूठ है मोदी सरकार का दावा: सरदार पटेल ने ही तैयार किया था अनुच्छेद 370, पाक को देना चाहते थे कश्मीर
सरदार पटेल की जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के सहयोगियों ने दावा किया कि सरदार पटेल अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। लेकिन इतिहासकार श्रीकांत राघवन का कहना है कि सरदार पटेल ही 370 के निर्माता थे और जूनागढ़ के बदले कश्मीर पाकिस्तान को देना चाहते थे।
By नवजीवन डेस्क
फोटो : सोशल मीडिया
सरदार पटेल ने बंटवारे के बाद जूनागढ़ के बदले कश्मीर और हैदराबाद पाकिस्तान को देने की पेशकश की थी। यह दावा इतिहासकार, लेखक और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो श्रीनाथ राघवन ने हैदराबाद में दिए एक व्याख्यान में किया है। उनके इस दावे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों के उस दावे की हवा निकल गई है कि सरदार पटेल कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाना चाहते थे।
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राघवन के भाषण का 42 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और अब तक कम से कम 48,000 लोग इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं। उनका यह भाषण सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। इस भाषण में उठाए गए कुछ अहम बिंदु इस तरह हैं:
यह सरदार पटेल ही थे जिन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान को हैदराबाद के बदले कश्मीर देने का प्रस्ताव रखा था। पाकिस्तान ने जूनागढ़ और कश्मीर दोनों पर दावा किया था। जूनागढ़ में एक मुस्लिम शासक था, लेकिन ज्यादातर आबादी हिंदू थी, जबकि कश्मीर में एक हिंदू शासक था और ज्यादातर आबादी मुस्लमि थी।
सरदार पटेल ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से और अपनी सार्वजनिक सभाओं में कहा कि पाकिस्तान को दरअसल हैदराबाद और कश्मीर पर दावा करना चाहिए न कि जूनागढ़ पर।
संसद में 1952 में हुई एक बहस के दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी माना था कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र ले जाने का फैसला कैबिनेट का था और एक साझा निर्णय था और वह इस निर्णय के साथ थे क्योंकि वह दिसंबर 1947 में बने केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री थे।
सरदार पटेल ही अनुच्छेद 370 के निर्माता थे। कश्मीरी नेताओं और भारतीय नेताओं के बीच पहली बैठक सरदार पटेल के घर पर हुई थी। करीब 5 महीने तक बातचीत और मोलभाव चलता रहा और जब सबकुछ तय हुआ तो कश्मीर के दीवान एन गोपालस्वामी आयंगर ने सरदार पटेल को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह जवाहर लाल नेहरू को लिखित में सूचना दे दें कि समझौते की शर्तों से सहमत है। आयंगर ने लिखा कि सरदार पटेल द्वारा समझौते के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद ही जवाहर लाल नेहरू शेख अब्दुल्लाह को इस बारे में पत्र लिखेंगे।
जवाहर लाल नेहरू जब संयुक्त राष्ट्र गए हुए थे तो सरदार पटेल ने नेहरू को लिखा कि “मैं अनुच्छेद 370 के प्रावधानों पर दूसरे नेताओं के साथ चर्चा कर ली है और मैं उन्हें इसके लिए तैयार करने में कामयाब रहा हूं...”
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इन ऐतिहासिक तथ्यों के बावजूद गुरुवार (31 अक्टूबर, 2019) को सरदार पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथियों ने एक बार फिर झूठ का प्रचार किया कि सरदार पटेल अनुच्छेद 370 और कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के खिलाफ थे।
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पूर्व सैन्य अधिकारी श्रीनांत राघवन ने अपने भाषण में अनुच्छेद 370 को लेकर काफी विस्तार से बात की है कि यह कहना कि अनुच्छेद 370 से कश्मीर में अलगाववाद, घुसपैठ और हिंसा बढ़ी है, एकदम वाहियात बात है।