कांग्रेस ने तीन विवादित कृषि कानूनों से जुड़े अध्यादेश जारी होने की बरसी के मौके पर शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को इन कानूनों को निरस्त करना चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप भी लगाया कि इन कानूनों के जरिए सरकार देश के किसानों को ‘बंधुआ मजदूर’ बनाना चाहती है। सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार तीन काले कृषि अध्यादेश आज ही के दिन 5 जून, 2020 को लेकर आई थी। मोदी जी ने कहा था कि महामारी की आपदा के समय वे इन काले कानून से अन्नदाता के लिए अवसर लिख रहे हैं। सही मायने में उन्होंने 25 लाख करोड़ सालाना के कृषि उत्पादों के व्यापार को अपने मुट्ठी भर पूंजीपति दोस्तों के लिए ‘अवसर’ लिखा और 62 करोड़ किसानों के हिस्से में उन्होंने ‘अवसाद’ लिख दिया।’’
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सुरजेवाला ने दावा किया कि, ‘‘मोदी सरकार अनुबंध पर खेती के अनैतिक प्रावधानों के माध्यम से अन्नदाता भाइयों को चंद पूंजीपतियों का ‘बंधुआ मज़दूर’ बनाना चाहती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2014 में अध्यादेश के माध्यम से किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की। साल 2015 में उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दे दिया कि किसानों को लागत के अलावा 50 प्रतिशत मुनाफा कभी भी समर्थन मूल्य के तौर पर नहीं दिया जा सकता। फिर 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लेकर आए, जिससे चंद बीमा कंपनियों ने 26,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमवाया।’’
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कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘5 जून, 2020 को लाए गए तीन काले कानूनों के जरिए सरकार किसानों की आजीविका पर फिर से डाका डालना चाहती है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘काले कानूनों की बरसी पर मोदी सरकार को चाहिए कि वो अपने निर्णय को वापस ले और इन कानूनों को फौरन खारिज करे। अन्यथा जब भी ‘प्रजातंत्र की देवता – देश की जनता’ की अदालत में इन ‘क्रूरताओं और बर्बरताओं’ का मुकदमा चलेगा तब 500 से अधिक किसानों की शहादतें, लाखों किसानों की राह में बिछाए गए ‘कील और कांटे’ और 62 करोड़ किसान-मजदूरों की असहाय पीड़ा इसकी गवाह बनेंगी।’’
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