क्या केंद्र सरकार आधार और वोटर आडी कार्ड को आपस में लिंक करने की तैयारी कर रही है? क्या चुनाव आयोग ने सरकार को इस बारे में कोई सुझाव दिया है? क्या सरकार ने ऐसा करने से पहले लोगों को डाटा की गोपनीयता बनाए रखने का इंतजाम कर लिया है और इस पर कितना खर्च आएगा? सरकार से ये सवाल सांसद सुधीर गुप्ता ने पूछे। इन सवालों के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को संसद को बताया कि सरकार आधार और वोटर आई डी कार्ड को लिंक करने का फैसला ले सकती है।
सवाल के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि त्रुटिरहित मतदाता सूचियों और आवेदनों को डुप्लीकेशन से बचने के लिए सरकार के पास जनप्रतिनिधि कानून 1951 के संशोधन का प्रस्ताव आया है और इस संशोधन के बाद सरकार आधार और वोट आईडी कार्ड को लिंक करने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि फिलहाल आधार कार्ड को बैंक खाते, पैन कार्ड, राशन कार्ड, गैस सब्सिडी समेत कई सरकारी योजनाओं से जोड़ना अनिवार्य किया जा चुका है। साथ ही सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आधार लिंक कराना जरूरी है।
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ध्यान रहे कि आधार को पैन से लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2020 है। सरकार ने इस बारे में हाल ही में बताया था कि 27 जनवरी 2020 तक कुल 30 करोड़ 2 हजार 824 लोगों ने पैन को आधार से लिंक करा लिया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में बताया था कि पैन को आधार से जोड़ने का मकसद डुप्लीकेट पैन को छांटकर असली की पहचान करना है।
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