सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागे मेहुल चोकसी को मोदी सरकार के हर विभाग, हर मंत्रालय और हर एजेंसी ने हरी झंडी दी थी, जिसके बाद उसने एंटिगा की नागरिकता हासिल की। यह आरोप शुक्रवार को कांग्रेस ने लगाते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि मोदी सरकार का नारा ‘भगोड़ों का साथ और भगोड़ों का विकास’ है।
शुक्रवार के एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस ने कहा कि जिस घोटालेबाज मेहुल चोकसी को प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर ‘हमारे मेहुल भाई’ कहकर पुकारा था, उसे पिछले साल यानी 2017 में ही एंटिगा की नागरिकता मिल चुकी थी। कांग्रेस ने कहा कि वहां की नागरिकता हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय, सीबीआई और सेबी जैसी एजेंसियों ने उसे क्लीन चिट दी थी। एंटिगा में नागरिकता हासिल करने के लिए जो नियम है उसके मुताबिक किसी भी भारतीय को नागरिकता देने से पहले वहां की सिटीज़नशिप इन्वेस्टेमेंट यूनिट यानी सीआईयू संबंधित देश से कई तरह की पुष्टि और सत्यापन मांगती है।
Published: undefined
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक में घोटाला सामने आने के बाद मेहुल चोकसी 4 जनवरी 2018 को देश छोड़कर भाग गया था। लेकिन एंटिगा की सीआईयू के मुताबिक उस समय तक उसे एंटिगा एंड बारबुडा की नागरिकता मिल चुकी थी, जो उसने नवंबर 2017 में हासिल की थी। एंटिगा के नागरिकों को दुनिया के 132 देशों में बिना वीज़ा के आने-जाने की इजाज़त है।
कांग्रेस ने इस सिलसिले में दस्तावेज़ी सबूत पेश करते हुए कहा कि मेहुल चोकसी के खिलाफ 2015 से ही शिकायतें और एफआईआर दर्ज थीं, जो प्रधानमंत्री कार्यालय, सेबी, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की जानकारी में थी। इसके बावजूद मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल को कोई सूचना नहीं दी गई, और जब सीआईयू ने मेहुल चोकसी के नागरिकता आवेदन पर भारत सरकार से जानकारी मांगी तो उसे क्लीन चिट दे दी गई। मोदी सरकार ने मई 2017 में एंटिगा के सीआईयू को यह प्रमाणपत्र दिया कि मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल सूचना नहीं है।
दस्तावेज़ों के मुताबिक न तो सीबीआई और न ही ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल में कोई सूचना दी थी, जिसके आधार पर सीआईयू ने उसे नागरिकता देने की संस्तुति की।
गौरतलब है कि यह खबरें आने के बाद कि मेहुल चोकसी ने एंटिगा की नागरिकता हासिल कर ली है, एंटगा और बारबुडा के प्रधानंत्री गैस्टन ब्राउन ने एक टीवी चैनल से बातचीत में 27 जुलाई 2018 को कहा था कि मेहुल चोकसी के संबंध में भारत सरकार ने उनसे या उनकी सरकार से कोई बातचीत नहीं की है। यहां यह जानना रोचक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2018 में ही एंटिगा के पीएम गैस्टन ब्राउन से मिले थे।
ध्यान रहे कि एक कारोबारी वैभव खुरानिया और आर एम ग्रीन सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म ने 7 मई, 2015 को कार्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय को मेहुल चोकसी की धोखाधड़ी के बारे में लिखित शिकायत की थी और इस शिकायत की एक प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय, और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस को भी भेजी थी। पीएमओ ने इस मामले में बाकायदा संज्ञान लेते हुए जवाब भी भेजा था।
Published: undefined
इसी तरह की शिकायत मुंबई के डीसीपी कार्यालय को भी भेजी गई थी। दिग्विजिय सिंह जडेजा नाम के एक और व्यक्ति ने भी मेहुल चोकसी के बारे में शिकायक करते हुए कहा था कि यह शख्स पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी कर विदेश भाग सकता है। इतना ही नहीं 26 जुलाई 2016 को हरि प्रसाद नाम के व्यक्ति ने भी मेहुल चोकसी के बारे में पीएमओ से शिकाय की थी।
Published: undefined
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अब सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं:
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined