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आखिरकार मोदी सरकार ने माना, कश्मीर में हुई थी पत्थरबाज़ी, लेकिन पुलिस फायरिंग से किया इनकार

गृह मंत्रालय ने माना है कि जुमे की नमाज के बाद कश्मीर में पत्थरबाज़ी हुई थी, लेकिन पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की थी। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है कि 9 अगस्त कुछ उपद्रवी ने अशांति फैलाने के लिए सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी की थी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां के माहौल को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एक ओर सरकार लगातार दावा कर रही है कि जम्मू-कश्मीर में शांति है तो दूसरी ओर कई मीडिया रिपोर्ट्स यह खुलासे कर रहे हैं कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद कई जगहों पर हिंसा हुई। अब मीडिया की खबरों में सत्यता कही ना कही नजर आ रही है। सरकार ने मान लिया है कि कश्मीर में हिंसा हुई है।

Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

दरअसल, गृह मंत्रालय ने माना है कि जुमे की नमाज के बाद कश्मीर में पत्थरबाज़ी हुई थी, लेकिन पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की थी। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है, “मीडिया में श्रीनगर के सौरा इलाके में घटना की खबरें आई हैं। 9 अगस्त को कुछ लोग स्थानीय मस्जिद से नमाज के बाद लौट रहे थे। उनके साथ कुछ उपद्रवी भी शामिल थे। अशांति फैलाने के लिए इन लोगों ने बिना किसी उकसावे के सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने संयम दिखाया और क़ानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की।”

Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

द न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित बीबीसी के फोटोग्राफ्स में दिखाया गया है कि कश्मीर का दर्जा बदले जाने के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग मार्च कर रहे हैं, सड़कें प्रदर्शनकारियों से भरी हैं और कुछ सड़कों पर ईंट और पत्थर बिखरे पड़े हैं, जिसे प्रदर्शनकारियों ने फेंके हैं।

Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

बीबीसी उर्दू ने 10 अगस्त को एक वीडियो प्रसारित किया, जिसमें प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे जाते हुए दिखाया गया है। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि सुरक्षा बलों ने लोगों पर ये गोले दागे हैं। सरकार ने इससे इनकार किया है, लेकिन बीबीसी अपनी रपट पर कायम है।

इसे भी पढ़ें: सरकार के खंडन के बावजूद विदेशी मीडिया दिखा रहा कश्मीर में विरोध प्रदर्शन, जानिए क्या है सच्चाई

Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

इन्हीं सभी खबरों के बीच पुलिस ने इन खबरों का खंडन करते हुए एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि घाटी में पिछले 6 दिनों से कोई हिंसा की घटना नहीं हुई है। पुलिस ने बयान में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से जिम्मेदारी से खबरों को दिखाने की अपील की है। पुलिस ने आगे कहा, “लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। पूरे राज्य में शांति बनी हुई है और कर्फ़्यू में ढील दी जा रही है। श्रीनगर और बाकी शहरों में लोग ईद की खरीददारी में जुटे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो-तीन दिनों से हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।”

Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

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Published: 13 Aug 2019, 6:51 PM IST

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