संसद के विशेष सत्र के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने आज मंत्रिमंडल की बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरे दे दी है। चर्चा है कि इस बिल को पारित कराने के लिए संसद के इसी सत्र में पेश किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पीएम नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार को बधाई देते हुए ट्वीट किया कि महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस केवल मोदी सरकार में है। जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया।
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दरअसल सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद से ही सत्र में कई तरह के बिल पेश होने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिरकार सत्र के पहले दिन तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी। अब इस मंजूरी के बाद महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
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मिली जानकारी के अनुसार महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है। इस विधेयक में महिलाओं के 33 फीसदी कोटा के भीतर एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए भी उप-आरक्षण की बात की गई है। इसके अलावा विधेयक में प्रस्ताव है कि प्रत्येक आम चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए।
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गौरतलब है कि 2010 में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्यसभा में हंगामे के बीच महिला आरक्षण बिल पेश किया था और वहां से पास करा लिया था। लेकिन बाद में लोकसभा में यह विधेयक पेश नहीं हो सका। कांग्रेस ने आज भी मांग की है कि यह विधेयक राज्यसभा से पास होने के कारण अभी भी जिंदा है, इसलिए सरकार इसे लोकसभा से पारित कराए।
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