मी टू अभियान के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद आखिरकार केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एमजे अकबर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है। अकबर ने अपने इस्तीफे के साथ बयान जारी करते हुए कहा, “मैंने निजी तौर पर न्यायपालिका से न्याय पाने का निर्णय लिया है, इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा देकर निजी स्तर पर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का सामना करने का फैसला किया है। इसलिए मैंने विदेश राज्य मंत्री के पदसे अपना इस्तीफा दे दिया है। देश की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का हृदय से आभारी हूं।”
Published: undefined
एमजे अकबर के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते महिला पत्रकार प्रिया रमाणी ने लिखा कि अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोप सही साबित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अब उस दिन का इंतजार है जब हमें कोर्ट से न्याय मिलेगा। इसके अलावा गजाला वहाब ने कहा कि अकबर के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं की ये जीत है। वहीं पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने कहा कि आखिरकार दबाव के आगे एम जे अकबर झुके हैं, लेकिन उनके अंदर कोई बदलाव नहीं आया है।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सच्चाई की ताकत को साबित करता है। भारत की पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने एमजे अकबर के इस्तीफे पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि यह उन सभी बहादुर महिला पत्रकारों के लिए एक बड़ी जीत है जिन्होंने उसके बीमार और शोषणकारी व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाया था।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के पटियाला कोर्ट में एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल गुरुवार 18 अक्टूबर को एमजे अकबर के डिफमेशन केस की सुनवाई करेंगे। अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ केस किया था।
Published: undefined
बता दें कि मी टू अभियान के तहत अभी तक 20 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया है। अकबर पर ये सभी मामले 10 से 15 साल पुराने हैं, जब अकबर मीडिया जगत से जुड़े हुए थे। एमजे अकबर ने मामले में सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रिया रमाणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है।
एमजे अकबर पर सबसे पहले रमानी ने उनके खिलाफ आरोप लगाय था और बाद में धीरे-धीरे और 19 महिला पत्रकार भी अपनी शिकायतों के साथ खुलकर सामने आ गई थीं। इन महिला पत्रकारों ने उनके साथ काम किया था। अकबर के खिलाफ खुलकर सामने आनेवाली पत्रकारों में फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पय कैंप और इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: ‘प्रिया के खिलाफ अकबर का मुकदमा हमें खामोशी के दौर में धकेलने की कोशिश’-महिला पत्रकारों का राष्ट्रपति को पत्र
#MeToo: प्रिया रमाणी का अकबर के मुकदमे पर जवाब, ‘डराकर लोगों को चुप कराना चाहते हैं एम जे अकबर’
#MeToo: प्रिया रमाणी के खिलाफ एम जे अकबर ने उतारी 97 वकीलों की फौज
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined