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ओलिंपिक मेडलिस्ट मीराबाई चानू की मोदी-शाह से मणिपुर में शांति बहाल की गुहार, कहा- मेरे घर मणिपुर को बचा लो

एक वीडियो संदेश में ओलंपियन मीराबाई चानू ने कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण कई खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविरों में भाग नहीं ले सके और बच्चों की पढ़ाई भी काफी हद तक प्रभावित हो रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

स्टार भारतीय भारोत्तोलक और टोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता सैखोम मीराबाई चानू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया।

एक वीडियो संदेश में 27 वर्षीय ओलंपियन ने कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण कई खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविरों में भाग नहीं ले सके और बच्चों की पढ़ाई भी काफी हद तक प्रभावित हो रही है।

उन्‍होंने कहा, “बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई। कई लोगों के घर जला दिए गए, मेरे पास मणिपुर में भी घर हैं। अब मैं राज्य में नहीं हूं, मैं अब अमेरिका में हूं और विश्‍व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों के लिए खुद को तैयार कर रही हूं।''

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शीर्ष एथलीट, जिन्हें पहले टोक्यो ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के बाद मणिपुर सरकार द्वारा सहायक पुलिस अधीक्षक, खेल के रूप में नियुक्त किया गया था, ने कहा कि हालांकि वह अब मणिपुर में नहीं हैं, लेकिन राज्य के रोजमर्रा के मामलों को करीब से देख रही हैं।

चानू के वीडियो संदेश के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "निश्चित रूप से प्रधानमंत्री अब कम से कम मणिपुर पर कुछ कह सकते हैं।

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बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। राज्य में 3 मई को जातीय झड़पें भड़क उठीं थी, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च हिंसक हो गया था।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की हिस्सेदारी करीब 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नागा और कुकी समेत आदिवासी आबादी 40 फीसदी है, जो ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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