अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए बीती रात भारत पहुंच गए। अपने भारत दौरे के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस दौरे की जानकारी देते हुए कहा, "चुनाव के बाद भारत-अमेरिका के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत होगी."
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कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पक्षों के बीच ईरान के साथ बढ़ती अमेरिकी तनातनी और चीन के साथ अमेरिकी ट्रेड वार पर चर्चा होगी। कारोबारी जंग के बीच संभव है कि दोनों देश घरेलू उत्पादन पर जोर देंगे, और भारत मेक इन इंडिया के लिए नए निवेशकों को खुला न्यौता दे सकता है। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा हाल ही में खत्म हुए भारत के 'जनरलाइजड सिस्टम ऑफ प्रेफ्रेंस' (जीएसपी) पर भी बातचीत हो सकती है. कारोबार से इतर आतंकवाद और रूस के मिसाइल सिस्टम की खरीद जैसे विषयों पर भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
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पोम्पोए मध्य पूर्व में अपने पुरानी साथी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से होते हुए भारत पहुंच रहे हैं। पोम्पोए ने दोनों देशों के साथ मिलकर समुद्री निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। ईरान-अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह मुलाकार अहम कही जा रही थी. माना जा रहा है कि अमेरिका विदेश मंत्री की यात्राओं का मकसद ईरान के खिलाफ एक वैश्वविक गठबंधन तैयार करना भी है।
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इसके अलावा पोम्पोए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि दोनों के बीच आतंकवाद और रक्षा के मुद्दों पर बातचीत होगी।
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एजेंसी इनपुट के साथ
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