भारतीय भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के वकीलों ने कैरिकॉम (कैरिबियन समुदाय) समूह से अनुरोध किया है कि वह एंटीगुआ और बारबुडा से डोमिनिका तक उसके कथित अपहरण मामले में हस्तक्षेप करे। कैरिकॉम के महासचिव, इरविन लॉरोक के साथ एक बैठक का अनुरोध जस्टिस अब्रॉड द्वारा किया गया है, जो ब्रिटेन में भगोड़े भारतीय हीरा व्यवसायी चोकसी के कानूनी प्रतिनिधि हैं।
जस्टिस अब्रॉड के निदेशक और लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय बैरिस्टर माइकल पोलक, जो कानूनी टीम के हिस्से के रूप में चोकसी के लिए काम कर रहे हैं, ने कहा, महासचिव से सम्मानपूर्वक इस मुद्दे पर बोलने का अनुरोध किया गया है और ऐसा करने में विफलता कैरिकॉम क्षेत्र पर बुरी तरह से प्रतिबिंबित हो सकती है, जहां कहीं कानून का शासन और उचित प्रक्रिया लागू होती है।
एक बयान में, जस्टिस अब्रॉड ने कहा कि यह देखते हुए कि कैरिकॉम के मिशनों में से एक ऐसा समुदाय बनाना है, जहां प्रत्येक नागरिक सुरक्षित हो और गारंटीकृत मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के साथ अपनी क्षमता का एहसास करने का अवसर हो, इसलिए संगठन को सम्मानपूर्वक बुलाया गया है। उन बहुत ही चिंताजनक घटनाओं के संबंध में बोलने और कार्रवाई करने के लिए उनसे अनुरोध किया गया है, जिन्होंने दुनिया का ध्यान इस क्षेत्र की ओर खींचा है।
संगठन की ओर से इस संबंध में अपनी आवाज उठाए जाने का अनुरोध करते हुए पोलक ने कहा, एंटीगुआ से डोमिनिका तक चोकसी के अपहरण और प्रतिसमर्पण ने दुनिया का ध्यान कैरिकॉम क्षेत्र की ओर खींचा है और हमने अभी तक इस संगठन की ओर से इस ताने-बाने और किसी व्यक्ति के मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को लेकर कुछ भी सुनने को नहीं मिला है।
चोकसी की कानूनी टीम ने कैरिकॉम से कानूनी शासन के कथित उल्लंघन पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है और यह भी कहा है कि यह कैरेबियन समुदाय के राजनीतिक निकायों के लिए एक बड़ी परीक्षा है।
चोकसी 23 मई को एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हो गया था, जिसके बाद उसे डोमिनिका में पकड़ा गया, जहां वह अवैध प्रवेश के आरोपों का सामना कर रहा है।
उसके वकीलों ने आरोप लगाया है कि उसे एंटीगुआ से जबरन अगवा किया गया था।
25 जून को, मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई के दौरान, चोकसी को अपनी पसंद के डॉक्टर से वंचित कर दिया गया था। इसके लिए डोमिनिका में उसकी कानूनी टीम ने अदालत से अनुरोध किया था, जिस पर विचार नहीं किया गया।
चोकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भारत में वांछित है।
जब सीबीआई ने उसके और नीरव मोदी के खिलाफ पीएनबी के साथ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था तो इससे कुछ समय पहली ही वह स्थिति को भांपते हुए जनवरी 2018 में ही भारत से भाग गया था। उसने 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।
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