अपने आपत्तिजनक बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने एक बार फिर अपने ट्वीट से हंगामा खड़ा कर दिया है। तथागत रॉय ने राजस्थान के एक पूराने वीडियो को दिल्ली के जाफराबाद का बता कर एक विवादित पोस्ट सोशल मीडिया पर डाला। उन्होंने कहा कि राजधानी में अब लोगों को भारत माता की जय के नारे भी नहीं लगाने दिया जा रहा है। रॉय ने कहा कि राजधानी दिल्ली के जाफराबाद में भारत माता की जय के नारे लगाने की वजह से मुस्लिम युवकों ने एक बूढ़े व्यक्ति के साथ मारपीट की। उन्होंने सवाल किया कि मीडिया इसे क्यों नहीं दिखा रहा है? तथागत रॉय ने ट्वीट कर लिखा, ‘देखें दिल्ली के जफराबाद में भारत माता की जय के नारे लगाने की वजह से मुस्लिम युवक इस बूढ़े व्यक्ति के साथ क्या कर रहे हैं।‘ उन्होंने मीडिया पर सवाल उठाते हुए आगे लिखा कि यह मीडिया द्वारा नहीं दिखाया जा रहा। साथ ही मेघालय के राज्यपाल ने इस वीडियो को वायरल करने की भी अपील की।
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बता दें कि मेघायल के राज्यपाल तथागत रॉय ने जिस वीडियो को दिल्ली के जाफराबाद का बताया है वो दिल्ली का नहीं बल्कि राजस्थान के भीलवाड़ा के आजाद चौक का है। यह वीडियो 15 अक्टूबर का है। 2 मिनट 20 सेकेंड लंबे इस वीडियों में एक बूढ़े व्यक्ति को 5-6 लोग पिटाई करते दिख रहे हैं। वह व्यक्ति बीजेपी मुर्दाबाद, चौकीदार चौर है और भारत माता की जय के नारे लगाता दिख रहा है। जिसके बाद कुछ लोगों से उसकी झड़प हो जाती है। बाद में लोग उसे पीटने लगते हैं।
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राजस्थान पुलिस के मुताबिक जिस पर हमला किया गया उसका नाम गरमचंद सिंधी है। इस घटान को लेकर केस भी दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इस केस का हिंदू-मुसलमान से कोई लेना देना नहीं था। इस मामले में मनोज उर्फ मुल्ला सिंधी (39), हेमंत नैथानी (45), भगवंत दास (37), माजूर शेख ( 31), और इरफान (34) नाम के पांच लोगों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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भीलवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा ने बताया कि पीड़िता सिंधी है न कि सिख समुदाय से और पांचों गिरफ्तार आरोपी व्यापारी हैं और इलाके में उनकी दुकानें हैं। वे पहले सिंधी के साथ बहस कर चुके हैं क्योंकि उनका दावा है कि वह उनके साथ दुर्व्यवहार करता था।
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ऐसे राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा फेक वीडियो पोस्ट कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। हालांकि तथागत रॉय पहले भी अपने बयान और पोस्ट के लिए चर्चा में रहे हैं। कुछ दिन पहले भी मेघालय के राज्यपाल ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जो लोग विभाजनकारी लोकतंत्र नहीं चाहते हैं, वह उत्तर कोरिया चले जाएं। रॉय ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते हैं तो उत्तरी कोरिया चले जाइए।” राज्यपाल इस ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से नए नागरिकता कानून का समर्थन कर रहे थे। उन्होंने कहा, “विवाद के वर्तमान माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए - 1. देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था। 2. लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए।”
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