जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें उस दिन असली खुशी मिलेगी जिस दिन जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा कि, "कांग्रेस की तरफ से जो बात की है, बहुत सारी चीजें हमने बताई कि किस तरह से एक स्टेट डिजॉल्व हुई हैं, वो नहीं होनी चाहिए थीं, इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव थे, उनसे पूछे बगैर किया गया, लेकिन अंत में वो तमाम चीजों को कहने के बाद हमने पांच बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी हैं।"
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आजाद के साथ इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री ताराचंद भी शामिल हुए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, "हम लोगों ने ये बताया कि अभी शांति भी है, सीज फायर भी है, बॉर्डर भी शांत है, तो इससे ज्यादा कोई अनुकूल समय नहीं हो सकता स्टेटहुड ग्रांट करने के लिए।" उन्होंने कहा कि, "हम लोगों ने मांग की है कि जिस तरह पंचायत और जिला परिषद के चुनाव हुए उसी तरह अब विधानसभा चुनाव भी जल्द होने चाहिए, ताकि लोकतंत्र बहाल हो सके।
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आजाद ने कहा कि, "तीसरी चीज हमने बताई कि बहुत बड़े जमाने से हमारे डोमिसाइल, हिस्टोरिकली डोमिसाइल के विशेषाधिकार को, जमीन का तो हमारे महाराजा के जमाने से था, 1925 के जमाने से और बाद में नौकरी का भी था, तो केन्द्र सरकार को ये गारंटी देनी चाहिए कि वो भी जब बिल लाएगी, तो उसके साथ हमारी जमीन की गारंटी और जो लोकल मुलाजिम है, आईएएस और आईपीएस, वो तो आते रहेंगे वो तो हर स्टेट में हैं, वहाँ भी आते रहेंगे, लेकिन जो एम्प्लॉयमेंट की अभी तक हमारे साथ जो एक सुविधा थी, वो सुविधा की गारंटी अब देनी चाहिए।"
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गुलाम नबी आजाद ने बताया कि उन्होंने सरकार के सामने मांग रखी कि कश्मीरी पंडित, जो बीते 30 साल से बाहर हैं उन्हें वापस लाना सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस काम में कांग्रेस सरकार की मदद करने को तैयार है। आजाद ने कहा कि पांचवी बात जो सरकार के सामने रखी वह यह थी कि 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर के दो हिस्से किए गए और तमाम राजनीतिक लोगों, नेताओं और कार्यकर्ताओँ को बंदी बनाया गया, उन्हें रिहा किया जाए।
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उन्होंने बताया कि इस बैठक में सारी बातें खुलकर हुईँ और यह एक ओपन एजेंडा बैठक थी जिसमें सबको बोलने का मौका मिला। धारा 370 पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में शामिल अधिकतर लोगों ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अधिक महत्व देने की बात की।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए वचनबद्ध है, लेकिन इससे पहले परिसीमन होगा तभी चुनाव होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वे सरकार के आश्वासन से खुश हैं, गुलाम नबीं आजाद ने कहा कि वे उस दिन खुश होंगे जिस दिन जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।
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