उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की आशंका के चलते मायावती ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठक की और कई नामों पर चर्चा की।
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इसकी जानकारी देते हुए मायवती ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ''पार्टी जनता के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शुरू कर दी है।"
मायावती ने पार्टी नेताओं से फिजूलखर्च अभियानों से परहेज करने को कहा है। उनका कहना है कि इसके बजाय वह ग्रामीण इलाकों और 'सर्व समाज' या विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच पार्टी की पहुंच बढ़ाने के लिए कैडर कैंप और छोटी सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित करें।
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बीएसपी ने 23 अगस्त को लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में फैसला लिया था कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में जमीनी स्तर पर अपना आधार मजबूत करने के लिए कैडर कैंप रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे। बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनाई है, लेकिन पार्टी के ग्राफ में साल 2012 के बाद से गिरावट आ रही है। इसलिए, बीएसपी का ध्यान अपने मुख्य मतदाताओं, दलितों को वापस अपने खेमें में लाने पर है, जो वर्षों से अन्य दलों की ओर चले गए हैं।
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सूत्रों के अनुसार, बीएसपी नेताओं को हर कैडर कैंप में कम से कम 500 दलितों की मौजूदगी सुनिश्चित करने को कहा गया है। ये शिविर पार्टी के मौजूदा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और पार्टी की विचारधारा को मजबूत कर नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम करेंगे। अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी में शामिल करने पर भी फोकस है।
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