शिवबा संगठन के अध्यक्ष मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में लाखों मराठों ने आरक्षण के लिए "अंतिम लड़ाई" शुरु करते हुए शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगे और भगवा झंडे लहराते हुए विभिन्न बिंदुओं से शुक्रवार को मुंबई की सीमा में प्रवेश किया। मनोज जारांगे, जिन्होंने जालना से मुंबई तक छह दिनों तक मार्च किया वर्तमान में नवी मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
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आज सुबह 11 बजे से नवी मुंबई में अपना अनशन शुरू कर चुके मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को आज रात तक मराठा आरक्षण को लेकर सरकारी संकल्प (जीआर) जारी करने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर महाराष्ट्र सरकार की ओर से जीआर जारी नहीं किया गया तो मराठा कल शनिवार सुबह मुंबई की ओर मार्च शुरू कर देंगे।
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मनोज जरांगे पाटिल ने समुदाय के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित रूप से कुछ घंटों में हम आजाद मैदान जा रहे हैं। हम शिक्षा में आरक्षण चाहते हैं, यह 100% होना चाहिए। आज मुंबई नहीं आएंगे, हम यहीं वाशी में ही इंतजार करेंगे। सरकार कल तक निर्णय ले। हमारे आंदोलन के कारण हम किसी मुंबईवासी को परेशान नहीं करना चाहते हैं।
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इससे पहले जरांगे पाटिल ने सरकार के नए प्रस्ताव पर अधिकारियों और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दूतों के साथ कई दौर की बातचीत की। बाद में, जारांगे-पाटिल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडलों ने एक नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जिसका वह अध्ययन करेंगे, अपनी विशेषज्ञ टीम से परामर्श करेंगे और फिर अंतिम निर्णय लेंगे।
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वहीं, मुंबई में भारी भीड़ की संभावना से परेशान सरकार जरांगे-पाटिल को यह समझाने की आखिरी कोशिश कर रही है कि मराठों को आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन उन्हें अपने लाखों लोगों को वापस भेजना होगा। इस बीच विपक्षी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी है कि जारांगे-पाटिल को छुआ भी गया, तो हम राज्य सरकार को नहीं छोड़ेंगे। पटोले ने शिवबा संगठन के नेता को पूर्ण सुरक्षा देने की मांग की।
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