बिहार के पटना सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति विकट बनी हुई है। इस बीच, गुरुवार को भी गंगा और पुनपुन नदी पटना और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इधर, पटना के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इधर, प्रशासन द्वारा राहत कार्य चलाया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गंगा नदी भागलपुर के कहलगांव में खतरे के निशान से उपर बह रही है जबकि पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान के उपर बह रही है। इसके अलावे बागमती नदी मुजफ्फरपुर के बेनीबाद, दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान से उपर तथा बूढी गंडक नदी खगड़िया में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
कमला बलान मधुबनी के जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशन को पार कर गई है। इधर, राहत की बात है कि सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बैराज के पास नदी के जलस्तर में कमी देखी जा रही है। यहां सुबह छह बजे सोन नदी का जलस्तर 40,920 क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 35,614 क्यूसेक दर्ज किया गया है। छोटी नदियों के जलस्तर में वृद्धि ने लोगों की परेशानी बढा दी है।
पटना जिला प्रशासन ने कहा कि सैंड बैग से कई गांवों में पानी प्रवेश को रोका जा रहा है। धनरूआ प्रखंड के सोनमई पंचायत में जमींदारी बांध टूट जाने से बुधानी टोला में पानी घुस गया है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, " जिले के जिन स्थलों पर बाढ का पानी आ चुका है वहां पर प्रशासन की ओर से सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को वे खुद कई क्षेत्रों का निरीक्षण करने बाढ प्रभावित इलाकों में गए थे। उन्होंने प्रभावित इलाकों में फसल क्षति का सर्वेक्षण एवं आकलन करने का निर्देश भी कृषि अधिकारी को दिया है जिससे जल्द से जल्द किसानों को राहत मिल सके।"
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना, नालंदा, गया एवं जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अगर गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ता है तो इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा।
उन्होंने बताया कि बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन फिर से वषार्पात होने से गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में और पानी फैल सकता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अभी की परिस्थिति में लोगों को हर प्रकार से राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "जो भी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं वहां के लोगों को राहत दिलाना और सहायता पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। फसलों को भी नुकसान हुआ है, पानी अधिक रहने से रोपनी के कार्य में भी दिक्कत आ रही है। जिस तरह से वर्षा हो रही है, उसे देखते हुए सबको सचेत रहना है।"
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