मणिपुर में हिंसा लगभग दो महीने से जारी है। हिंसा में अब तक 110 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। कई लोग विस्थापित हो गए हैं। देश के गृह मंत्री हिंसा को लेकर मणिपुर का दौरा भी कर चुके हैं, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुए। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक आज दोपहर 3 बजे निर्धारित है।
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दूसरी ओर शुक्रवार को एक बार फिर अज्ञात बंदूकधारियों ने फायरिंग की। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इंफाल पूर्व में उरंगपत/येंगांगपोकपी (वाईकेपीआई) और कांगपोकपी के इलाकों में सशस्त्र बदमाशों ने दोपहर में गोलीबारी की। हथियारबंद बदमाशों का एक समूह वाईकेपीआई से पहाड़ी की ओर इलाके में घुसा। महिला प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह क्षेत्र में अतिरिक्त टुकड़ियों की आवाजाही में बाधा डाल रहा है।
वहीं मणिपुर में 3 मई के बाद से अभी भी आगजनी जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, इसलिए राज्य सरकार ने शांति बहाल करने और कई महीने से फैली इस हिंसा और अशांति को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिन और 25 जून तक बढ़ा दिया है।
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गौरतलब है कि जातीय हिंसा और झड़पों के मद्देनजर मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के समय पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह ऐसे समय में बुलाई जा रही है जब प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर हैं, जिससे पता चलता है कि यह बैठक उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।
राहुल ने ट्वीट करके कहा था, ''मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक हुई।'' तब बुलाया गया जब प्रधानमंत्री स्वयं देश में नहीं हैं! जाहिर है, यह बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।"
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