महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में करीब 14 लोगों का शिकार करने वाली बाघिन अवनि (टी-1) को शुक्रवार देर रात मौत की नींद सुला दिया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो साल में उसने करीब 14 लोगों का अपना शिकार बनाया था। अवनी के आदमखोर होने के बाद महाराष्ट्र वन्य विभाग ने उसे देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हुए थे।
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पंधरकावड़ा इलाके के लोग बाघिन अवनि के नरभक्षी होने के बाद से ही खौफ के साये में जी रहे थे। अवनि को मारे जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। कुछ लोगों ने तो इसकी खुशियां मनाते हुए पटाखे जलाए और मिठाई बांटी है।
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पांच साल की बाघिन का इतना खौफ था कि पंढारवडा और आसपास के गांवों के लोग रात-रातभर जागकर पहरा देते थे। खौफ के कारण लोग जंगल में जाने से कतराते थे, जिसके चलते खेती करने और मवेशी पालने वाले लोग खासे परेशान थे।
बता दें कि बाघिन अवनी को खत्म करने के लिए 200 लोगों की टीम लगाई गई थी। दूसरी, तरफ उसे बचाने के लिए प्रयत्न और सेव टाइगर एनजीओ ने ‘लेट अवनी लिव’ अभियान चलाया था। उन्होंने अवनि को न मारने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। अवनि को पकड़ने के लिए 100 कैमरे लगाए गए थे। शिकारी कुत्तों और पैराग्लाइडर्स को भी अवनि को ढूंढने के काम में लगाया गया था। उसे मारने के लिए वन विभाग ने हैदराबाद से शार्पशूटर नवाब शौकत को भी बुलाया गया था। नवाब शौकत के पास 500 जंगली जानवरों का शिकार करने का अनुभव है।
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