पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल में पिछले महीने एक चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना पर जन आक्रोश को लेकर केंद्र ने साजिश रची है।
राज्य सचिवालय नबान्न में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पीड़ित महिला चिकित्सक के माता-पिता को कभी पैसों की पेशकश नहीं की। उन्होंने उस अभियान को खारिज कर दिया जिसमें पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मुआवजा स्वीकार करने का अनुरोध किया गया था।
उन्होंने लोगों से दुर्गा पूजा नजदीक होने पर "उत्सवों की ओर लौटने" का अनुरोध किया।
Published: undefined
उन्होंने कहा, "अगर आप हर रात सड़कों पर रहते हैं तो बुजुर्ग लोग ध्वनि प्रदूषण के कारण नींद से वंचित रह जाते हैं। एक महीना बीत चुका है। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप उत्सवों की तरफ लौटें और मांग करती हूं कि सीबीआई जल्द से जल्द जांच पूरी करे।’’
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कनिष्ठ चिकित्सकों से जल्द से जल्द काम पर लौटने का अनुरोध किया और राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का ध्यान रखने का निर्देश दिया।
इससे पहले दिन में शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी रेजिडेंट चिकित्सकों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और कहा कि यदि वे समय सीमा के अंदर काम पर नहीं लौटे तो वह राज्य को हड़ताल कर रहे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रोकेगी।
Published: undefined
अदालत ने यह निर्देश बंगाल सरकार के उस आश्वासन के बाद दिया जिसमें कहा गया है कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक स्थानांतरण सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उन्होंने आंदोलनकारी चिकित्सकों से आमने-सामने बातचीत की पेशकश करते हुए कहा, "उच्चतम न्यायालय ने आपसे काम पर लौटने का अनुरोध किया है, मैं उस अनुरोध को दोहराऊंगी। अगर आपको कुछ कहना है तो आपका हमेशा स्वागत है। आप पांच से दस सदस्यों की एक टीम बना सकते हैं और मुझसे मिल सकते हैं।"
Published: undefined
ममता ने कहा, ‘‘मैंने मृतक चिकित्सक के परिवार को कभी पैसों की पेशकश नहीं की, यह बदनाम करने के अलावा और कुछ नहीं है। मैंने उनसे कहा कि अगर वे अपनी बेटी की याद में कुछ करना चाहते हैं तो हमारी सरकार उनके साथ है। मैं जानती हूं कि कब, क्या बोलना है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह (आरजी कर घटना के बाद प्रदर्शन) निश्चित रूप से केंद्र की साजिश है और कुछ वामपंथी दल भी इसमें शामिल हैं। कुछ लोग पड़ोसी देश में उथल-पुथल का फायदा उठा रहे हैं। वे भूल गए हैं कि भारत और बांग्लादेश अलग राष्ट्र हैं।’’
Published: undefined
ममता के पास गृह विभाग का भी प्रभार है। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने प्रदर्शनों के बाद इस्तीफे की पेशकश की है लेकिन ‘‘हमें दुर्गा पूजा के मद्देनजर ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत है जिसे कानून एवं व्यवस्था की समझ हो।’’
आरजी कर अस्पताल में केंद्रीय बलों को सुविधाएं देने से इनकार करने के आरोपों पर बनर्जी ने दावा किया कि कर्मियों को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की गई थीं।
बनर्जी ने कहा, "आप स्वास्थ्य भवन में स्वास्थ्य सचिव से मिले और आपकी चारों मांगें मान ली गईं। हमने अधिकारियों को हटा दिया है। हमें अप्रत्यक्ष शिकायतें मिलीं और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।"
Published: undefined
मुख्यमंत्री ने धैर्य रखने और आंदोलनकारी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कोलकाता पुलिस की प्रशंसा की।
बनर्जी ने कहा, "मुझे खुशी है कि हमारी पुलिस ने खुद को चोट पहुंचने के बावजूद धैर्य बनाए रखा और कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटा। यह केवल बंगाल में ही हो सकता है क्योंकि हम यहां लोकतंत्र का सम्मान करते हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान या दिल्ली में ऐसा नहीं होता।"
Published: undefined
बंगाल की मुख्यमंत्री ने सभी जूनियर डॉक्टर से जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया।
आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक से अस्पताल में उस वक्त कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गयी थी जब वह ड्यूटी पर थी। इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined