पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कमिश्नर की गिरफ्तारी की तैयारी कर रही सीबीआई के मंसूबों पर पानी फिर गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी को सीधे-सीधे रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शिंलांग जैसे निष्पक्ष स्थान पर पूछताछ कर सकती हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई और पश्चिम बंगाल विवाद पर सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने की। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल ने दलील दी है कि इस मामले में एसआईटी ने जांच सही से नहीं की है। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार (जिन्होंने अप्रैल, 2013 और मई 2014 के बीच चिट फंड घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का नेतृत्व किया) ने पूरी सामग्री सीबीआई को नहीं सौंपी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार पहले एसआईटी में थे बाद में आरोपी के साथ मिलीभगत कर सबूत नष्ट किये। उन्होंने राजीव कुमार से पूछताछ के लिए दिल्ली और कोलकाता में पूछताछ की मांग की। जिस पर कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने डीजीपी, मुख्य सचिव और राजीव कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की। इस पर उन्हें रोकते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पास जांच में सहयोग नहीं करने की कोई वजह होनी चाहिए। कोर्ट की अवमानना को लेकर हम बाद में विचार करेंगे।”
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वहीं कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपना नंबर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया। सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करना चाहती है।
इस पूरे मामले पर सुनवाई के बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला दिया और कहा, “कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होना होगा। सीबीआई को निर्देश दिए राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाए। साथ ही चीफ जस्टिस ने आदेश दिया है कि पुलिस कमिश्नर को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम नोटिस के जारी किए बिना कोई अवमानना नहीं कर सकते हैं। अवमानना तय करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा। वही अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
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वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि यह हमारी नैतिक जीत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है, हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस देश का कोई बिग बॉस नहीं हो सकता है, सिर्फ लोकतंत्र ही बिग बॉस है।
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उन्होंने आगे कहा, “कमिश्नर राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वे सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। राजीव कुमार ने कहा था कि वह सहमति से एक जगह पर मिलना चाहते हैं। अगर सीबीआई उनसे कोई पूछताछ करना चाहती है आ सकती है और बैठकर बात कर सकती है।”
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उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने क्या शुरू किया? वे उन्हें (कोलकाता के पुलिस कमिश्नर) गिरफ्तार करना चाहते थे। वे रविवार को उनके घर गए, एक सीक्रेट ऑपरेशन पर, बिना कोई नोटिस दिए। कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी नहीं होगी। हम कोर्ट का एहसानमंद हैं। इससे अधिकारियों का मनोबल मजबूत होगा।”
इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के कारण इसकी सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। बता दें कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सीबीआई पूछताछ के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट गए थे।
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बता दें कि सीबीआई की 40 अधिकारियों की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गई थी लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और पूछताछ के दस्तावेज नहीं होने के कारण उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इस घटना के बाद सीएम ममता बनर्जी रविवार की रात 8:30 बजे से धरने पर बैठ गई और उनका धरना अभी तक जारी है। इसे वह ‘संविधान बचाओ’ विरोध प्रदर्शन कह रही हैं।
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