महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मराठा आरक्षण आंदोलन गर्माने लगा है। आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 16 सितंबर की मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की। जरांगे ने इस दौरान पूछा कि मराठा समुदाय कब आजाद होगा।
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जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में मीडिया से बातचीत में जरांगे ने कहा, ‘‘17 सितंबर मुक्ति संग्राम दिवस है। उसी दिन, हम आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे... 16 सितंबर की मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे।’’ साथ ही उन्होंने पूछा, ‘‘(मराठवाड़ा के लिए) 17 सितंबर मुक्ति दिवस है, मराठा समुदाय कब आजाद होगा?’’
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इससे पहले मनोज जरांगे ने सोमवार को राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार से मराठा आरक्षण और सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने की मांग के संबंध में फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि मंत्री सत्तार ने उनसे कहा कि उन्होंने इस मसले के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सूचित कर दिया है।
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फरवरी में, महाराष्ट्र विधानसभा ने शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया, लेकिन जरांगे मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं। जरांगे सभी कुनबी (कृषक) और उनके रक्त संबंधियों को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। कुनबी, एक कृषक समूह है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है, और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे आरक्षण लाभ के पात्र बन सकें।
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