महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए जारी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा के नेता मनोज जारांगे-पाटिल अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उन्होंने शिवसेना-बीजेपी सरकार को मराठा कोटा पर एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करने के लिए आज तक का वक्त दिया है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेता अर्जुन खोतकर और अन्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जारांगे-पाटिल से आज दोबारा मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वे अपना अनशन समाप्त कर दें और सरकार को आरक्षण को फुलप्रूफ तरीके से अंतिम रूप देने के लिए एक महीने का समय दें, जो कानूनी जांच में खरा उतर सके।
Published: undefined
लेकिन जारांगे-पाटिल ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया और भूख हड़ताल जारी रखने का संकल्प जताया। जारांगे-पाटिल ने बढ़ती कमजोरी के कारण गद्दे पर लेटे हुए कहा, “हमारी अपेक्षा एक निर्णय है। पूरे राज्य को उम्मीद है कि हमें आज आरक्षण मिल जाएगा।'' इससे पहले सोमवार रात उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मंगलवार को अपने फैसले की घोषणा नहीं की तो वह पानी पीना भी बंद कर देंगे, इससे नई चिंता पैदा हो गई है।
Published: undefined
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा भेजा गया एक और प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर बाद जालना पहुंचेगा। इस बीच, ज वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर के अंतरवली-सरती गांव में जारांगे-पाटिल का दौरा करने की संभावना है, जहां 1 सितंबर को प्रदर्शनकारी भीड़ पर लाठीचार्ज और आंसू गैस सहित बड़े पैमाने पर पुलिस कार्रवाई हुई थी।
Published: undefined
आंदोलनकारियों पर पुलिस कार्रवाई पर मराठा समुदाय की आक्रामक राजनीतिक प्रतिक्रिया और सभी राजनीतिक दलों की ओर से इसकी व्यापक निंदा किए जाने से बैकफुट पर आई शिंदे सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सोमवार को स्थानीय अस्पतालों में इलाज करा रहे पुलिस कार्रवाई के पीड़ितों से माफी मांगी। वहीं सीएम शिंदे पुलिस कार्रवाई की जांच का आदेश देते हुए कुछ अधिकारियों का तबादला भी कर दिया है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined