महाराष्ट्र के सियासी महाखेल में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी सवाल उठने लगे हैं। संविधान के जानकार उन्हें भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ‘जनसत्ता’ की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीबी सावंत ने 24 अक्टूबर को चुनावी के परिणाम के ऐलान के बाद से अब तक राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व जज पीबी सावंत राज्यपाल की गतिविधि को असंवैधानिक और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ बताया है।
Published: 26 Nov 2019, 1:03 PM IST
महाराष्ट्र के पूरे घटनाक्रम पर जस्टिस (रिटायर्ड) बीपी सावंत ने कहा, “महाराष्ट्र में वर्तमान में जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत असंवैधानिक है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति से लेकर सरकार बनाने तक का सफर संवैधानिक नहीं रहा है। यहां तक कि जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया, तब कार्यवाहक मुख्यमंत्री की नियुक्ति भी असंवैधानिक थी। राज्यपाल को इन सारी गैर-संवैधानिक प्रक्रियाओं का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। पहले विधायकों को शपथ लेनी होती है, उसके बाद ही विधानसभा का जन्म होता है और बाद में सरकार बनती है।”
Published: 26 Nov 2019, 1:03 PM IST
राज्यपाल द्वारा संविधान की मर्यादा को बनाए रखने वाली शपथ का हवाला देते हुए पूर्व जस्टिस ने कहा, “इस मामले में राज्यपाल ने संविधान और संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों का साफ तौर पर उल्लंघन किया है। वह उच्च कार्यालय की गरिमा को कायम रखने में विफल रहे हैं।” बता दें कि शनिवार को राज्यपाल ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को सीएम तथा एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई थी।
Published: 26 Nov 2019, 1:03 PM IST
वहीं एनसीपी ने इस सरकार को धोखे की सरकार करार दिया। एनसीपी का आरोप है कि उनके विधायकों के हस्ताक्षर धोखे से लिए गए और राज्यपाल को सौंपे गए। जिसके बाद एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस पर कोर्ट ने महाराष्ट्र में शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का अंत कल हो जाने की उम्मीद है।
Published: 26 Nov 2019, 1:03 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 26 Nov 2019, 1:03 PM IST