महाराष्ट्र की विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने खुद से जुड़े विवाद में पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए सोमवार को कहा कि वह उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही केंद्रीय समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगी और सत्य की जीत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि दोषी साबित होने तक मैं निर्दोष हूं और मीडिया ट्रायल कर मुझे दोषी साबित करना गलत है।
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पूजा खेडकर (34) पुणे में तैनाती के दौरान अलग ऑफिस और स्टाफ की मांग पर विवाद खड़ा करने के बाद चर्चा में आई थीं। इसके बाद उन पर काम के बदले कुछ लोगों से मंहगे उपहार लेने और निजी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर घूमने के आरोप लगे थे। इसके अलावा पूजा सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से खुद को शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताकर नौकरी हासिल की है।
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इस पूरे विवाद के बीच सोमवार को वाशिम में मीडिया से बात करते हुए पूजा खेडकर ने कहा, ‘‘मैं समिति के समक्ष अपना पक्ष रखूंगी। मुझे लगता है कि समिति जो भी निर्णय लेगी, वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में मेरी जिम्मेदारी काम करना और सीखना है और मैं यही कर रही हूं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। सरकार के विशेषज्ञ (समिति) ही फैसला करेंगे। न मैं, न आप (मीडिया) और न ही जनता फैसला कर सकती है।’’
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खेडकर ने कहा, ‘‘जब भी समिति का फैसला आएगा, वह सार्वजनिक होगा। लेकिन, अभी मुझे चल रही जांच के बारे में आपको बताने का कोई अधिकार नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, खेडकर ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान इस तथ्य पर आधारित है कि जब तक आप दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक आप निर्दोष हैं। इसलिए मीडिया ट्रायल द्वारा मुझे दोषी साबित करना गलत है।
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