महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की बड़ी राहत देते हुए उनके निलंबन को रद्द कर दिया है। साथ ही शिंदे सरकार उनके खिलाफ सभी आरोप भी वापस ले लिए हैं। साथ ही सरकार ने आदेश में कहा है कि निलंबन अवधि के दौरान परमबीर सिंह ऑन ड्यूटी माने जाएंगे। परमबीर सिंह निलंबन के दौरान ही सेवानिवृत्त हो गए थे।
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महाराष्ट्र गृह विभाग के 10 मई के एक आदेश के अनुसार, परमबीर सिंह को 2 दिसंबर 2021 से 30 जून 2022 तक अब 'ऑन ड्यूटी' माना जाएगा। वो 30 जून 2022 को रिटायर होने वाले थे। आदेश में कहा गया, अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) 1969 के नियम 8 के तहत परमबीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) के खिलाफ जारी दिनांक 2-12-2021 के आरोपों का ज्ञापन वापस लिया जा रहा है और उक्त मामले को बंद किया जा रहा है।
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आदेश में आगे कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार, इस आदेश से परमबीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) का निलंबन रद्द किया जाता है और निलंबन की अवधि 2-12-2021 से 30-06-2022 तक ड्यूटी पर बिताई गई अवधि के रूप में मानी जाएगी। चूंकि सिंह पहले ही रिटायर हो चुके हैं, इसलिए ये आदेश उनकी सेवानिवृत्ति और सरकार से मिलने वाले अन्य लाभों के लिए फायदेमंद होगा।
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गौरतलब है कि परमबीर सिंह के 'लेटर बम' ने दो साल पहले राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख को निशाने पर लिया था, जिसके चलते देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इंस्पेक्टर सचिन वाझे मामले की आंच खुद तक पहुंचने के बाद परमबीर सिंह ने अपने पत्र में गृह मंत्री पर कई तरह के आरोप लगाए थे। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
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