मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली ‘महा विकास अघाड़ी’ सरकार ने शनिवार को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 145 मतों की तुलना में 169 मत हासिल करके विश्वास मत जीत लिया। 169 मत हासिल करने वाले सत्तारूढ़ गठबंध के खिलाफ कोई मत नहीं पड़ा, जबकि चार सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। जिन विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, उनमें एआईएमआईएम के दो, सीपीआई का एक और एमएनएस का एक विधायक शामलि है।
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विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नवाब मलिक और शिवसेना के सुनील प्रभु ने पेश किया। सदन के पटल पर विश्वास मत साबित करने और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है।
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विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान बीजेपी के विधायकों ने हंगामा किया। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने तीन सवाल पूछे। यह सवाल सत्र, शपथ और प्रोटेम स्पीकर को लेकर थे। प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने फडणवीस के सारे सवाल को खारिज कर दिया।
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वहीं, बीजेपी ने अपने 105 विधायकों और अन्य समर्थकों के साथ विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और वे सदन से वॉकआउट कर गए। वॉकआउट के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ सत्र को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक है। फडणवीस ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर को बदलना भी असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल को एक पत्र सौंपने जा रहे हैं, जिसमें उनसे सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए कहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेंगे।
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