पिछले कुछ सालों में गौरक्षा के नाम पर हिंसा की वारदातों में इजाफा हुआ है। मोदी सरकार गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने का लाख दावे कर रही हो लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। अब इस तरह की घटनाओं को होने से रोकने के लिए मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बुधवार को एक कानून का प्रस्ताव रखा है। गोहत्या विरोधी अधिनियम के तहत यदि कोई शख्स हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 6 महीने से लेकर तीन साल की सजा और 25,000 से 50,000 तक जुर्माना देना पड़ेगा।
Published: 27 Jun 2019, 11:06 AM IST
कमलनाथ सरकार ये संशोधित विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है। अगर यह विधेयक पारित होता है तो मध्य प्रदेश में इस तरह के मामलों के लिए अलग से कानून बन जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पशुपालन) मनोज श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि गाय के नाम पर हिंसा करने वाले की सजा को बढ़ाकर न्यूनतम एक साल और अधिकतम 3 साल किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि यदि अपराधी दोबारा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी।
Published: 27 Jun 2019, 11:06 AM IST
विधेयक संशोधन के बाद अगर कोई व्यक्ति गोवंश का वध, गोमांस रखना या सहयोग करना या इसके अंतर्गत कोई हिंसा या क्षति करने पर पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा।
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने फैसला किया था कि गायों को लाने और ले जाने के नियमों को आसान बनाया जाए ताकि किसान और व्यापारियों को गोरक्षक परेशान न करें और पुलिस न रोके।
Published: 27 Jun 2019, 11:06 AM IST
फैक्टचेकर डॉट इन और इंडियास्पेंड के मुताबिक, देश में 2009 से 2019 तक हेट क्राइम के 287 बड़े मामले हुए हैं। इनमें 98 लोगों की मौत हुई है, जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 59 फीसदी मुस्लिम, 14फीसदी हिंदू और 15 फीसदी ईसाई हैं। सबसे ज्यादा 28 फीसदी हमले गोरक्षा के नाम पर हुए हैं।
Published: 27 Jun 2019, 11:06 AM IST
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Published: 27 Jun 2019, 11:06 AM IST