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मध्य प्रदेशः चुनाव से पहले मंत्रियों से नाराजगी BJP के लिए बनी चुनौती, होली बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार सरकार के कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके काम से सरकार और पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है। ऐसे में संगठन को लगता है कि जिन मंत्रियों को लेकर नाराजगी है उन्हें अगर कैबिनेट से बाहर कर दिया जाता है तो नाराजगी काफी हद तक कम हो सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव इसी साल होने वाले हैं और राज्य सरकार के कई मंत्रियों को लेकर जमीनी स्तर पर नाराजगी भी है और उनका रिपोर्ट कार्ड नकारात्मक आ रहा है। इसी के चलते मंत्रिमंडल में फेरबदल के आसार बने हुए हैं और संभावना है कि होली के बाद बदलाव के साथ मंत्रिमंडल का विस्तार संभावित है।

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इस समय राज्य में बीजेपी विकास यात्रा निकाल रही है, इन विकास यात्राओं का मकसद हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ जमीनी हकीकत का ब्यौरा तैयार करना भी है। राज्य सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ सत्ता के प्रमुख शिवराज सिंह चौहान और संगठन के पास रिपोर्ट आ चुकी है। इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रियों के साथ विधायकों को भी लगातार समझाइश दी जा रही है और इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया गया है कि उनका रिपोर्ट कार्ड नहीं सुधरा तो सख्त फैसले भी लिए जा सकते हैं।

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पार्टी सूत्रों की माने तो बीते काफी समय से मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही है, एक तरफ जहां निगम मंडलों में नियुक्ति होनी है वही कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में भी जगह दी जानी है। इसके चलते कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके विभागों में बदलाव किया जाएगा तो वहीं कई की छुट्टी भी की जा सकती है। जिन मंत्रियों की छुट्टी होना है उसकी बड़ी वजह उनके खिलाफ आ रही शिकायतें हैं, जनता में असंतोष है तो वही प्रभार वाले जिलों में उन मंत्रियों ने ज्यादा रुचि नहीं ली है, जिससे स्थानीय कार्यकर्ता नाराज तो हैं ही साथ में उन्होंने संगठन को वास्तविक स्थिति से भी अवगत कराया है।

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राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य सरकार के कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके क्रियाकलाप से सरकार और पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है, यही कारण है कि संगठन इससे चिंतित है और जिन मंत्रियों को लेकर नाराजगी है उन्हें अगर मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाता है या उन्हें कम महत्व के विभाग दिए जाते हैं तो एंटीइकंबेंसी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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यही कारण है कि कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है तो वहीं नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। सत्ता और संगठन की मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है और संभावना इस बात की बन रही है कि होली के आसपास विस्तार संभावित है। विकास यात्रा के बाद सत्ता और संगठन के पास ऐसे आधार होंगे जिसके सहारे कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा।

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