मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के एक गांव में बाजाप्ता पोस्टर लगाकर मुस्लिम और ईसाई समाज के व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने का मामला सामने आया है। साथ ही पोस्टर में आधार कार्ड रखने वालों को ही गांव में प्रवेश देने का ऐलान किया गया है। मामला सामने आने पर तूल पकड़ने के बाद पुलिस-प्रशासन के दखल के बाद पोस्टर को हटा दिया गया है।
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यह मामला अशोक नगर जिले की धौरा ग्राम पंचायत के धतूरिया गांव का है, जहां के गांव वालों ने सरपंच बबलू यादव के नेतृत्व में एक बैठक की। बैठक में कथित तौर पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए गांव में सामान बेचने आने वाले व्यापारियों पर खास नजर रखने की चर्चा हुई और फैसला लिया गया कि गांव में मुस्लिम और ईसाई व्यापारियों के प्रवेश को रोका जाए।
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धतूरिया गांव मे लगभग सौ घर हैं। यहां की आबादी एक हजार के आसपास है। लोगों का मानना है कि गांव में चूड़ी, साड़ी आदि सामान बेचने वाले, जो लोग आते हैं, वह गांव की रेकी करते हैं और रात में चोरियां भी करते हैं। इस बात पर गांव वालों ने सहमति जताई और एक बैनर बनाया गया, जिसमें लिखा, "मुस्लिम और ईसाई व्यापारियों का गांव में प्रवेश करना निषेध (प्रतिबंधित) है, कृपया व्यापारी गांव में आधार कार्ड लेकर ही प्रवेश करें।"
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गांव में यह पोस्टर लगाए जाने की जानकारी प्रशासन तक पहुंची तो प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। गांव की दीवार पर लगे पोस्टर को हटवाया और साथ ही गांव वालों को भरोसा दिलाया कि अगर कोई घटना होती है तो पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेगा। देहात थाने के प्रभारी सत्येंद्र कुशवाहा ने इस बात को स्वीकारा कि गांव के लोगों ने पोस्टर लगाया था, जिसे समझाइश देने के बाद हटवा दिया गया। उन्होंने दोबारा फिर से पोस्टर लगाए जाने की चर्चाओं को नकार दिया।
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