मध्य प्रदेश में कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी की शिवराज सरकार पर लगातार हमलावर है। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने गौशाला के पेटी कांट्रैक्टर का पत्र जारी किया है, जिसमें उसने 50 फीसदी कमीशनबाजी का आरोप लगाया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने गौशाला के कांट्रैक्टर के पत्र को साझा करते हुए ट्वीट किया- अब पेटी कांट्रैक्टर पीयूष पांडेय ने लिखा जबलपुर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र।
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अरुण यादव ने लिखा, 'मुख्यमंत्री और बीजेपी नेताओं को 50 फीसदी कमीशन के सबूत चाहिए थे न, आप लोगों के डर की वजह से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था, लेकिन पीयूष पांडेय किसी भी मंच पर 50 प्रतिशत कमीशन के आरोपों पर बात करने के लिए तैयार है। अब जाइये और जाकर फिर मेरे और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफआईआर करवाईये।"
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कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने अरुण यादव के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, "शिवराज सरकार के 50 प्रतिशत कमीशनराज के भ्रष्टाचार का घड़ा फूट चुका है। रीवा के गौशाला पेटी कांट्रैक्टर संगठन ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शासकीय कार्यों में 50 प्रतिशत कमीशन खाने का आरोप लगाया है।"
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कमलनाथ ने कहा कि ठेकेदार ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया और यह भी बताया कि उसके जैसे कई अन्य ठेकेदार भी 50 प्रतिशत कमीशन राज से पीड़ित हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत की न्यायपालिका में इस तरह के गंभीर मामलों में स्वत: संज्ञान लेने की गरिमापूर्ण परंपरा रही है। मैं न्यायालय से आग्रह करता हूं कि इस ठेकेदार के पत्र का संज्ञान लें, उसे सुरक्षा मुहैया कराएं और मध्य प्रदेश को चाट रहे भ्रष्टाचार के दीमक से बचाएं।
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कमलनाथ ने आगे कहा कि यह सर्वविदित है कि जब ग्वालियर के ठेकेदार ने इसी तरह का आरोप लगाया था तो बिना जांच-पडताल के ही सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों ने मामले को दबाने और फरियाद करने वालों को फसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन एक बार फिर बीजेपी सरकार में 50 प्रतिशत कमीशनखोरी की पोल खुल गई है।
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